मायावती ने उठाई मांग, सौतेला व्‍यवहार छोड़ केरल त्रासदी को ‘राष्‍ट्रीय आपदा’ घोषित करे मोदी सरकार

मायावती
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। केरल में बाढ़ और बारिश के चलते मची त्रासदी को लेकर मंगलवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। मायावती ने मोदी सरकार पर केरल के साथ सौतेल व्‍यवहार करने का आरोप लगाते हुए तत्‍काल इस त्रासदी को ‘राष्‍ट्रीय आपदा’ घोषित करते हुए पीड़ितों को व्‍यापक स्‍तर पर राहत पहुंचाने की सरकार से मांग की है।

यूपी की पूर्व मुख्‍यमंत्री ने आज अपने एक बयान में मीडिया से कहा कि दक्षिण भारत के राज्य केरल के लाखों परिवार के लोग इस शताब्दी की सबसे भयानक तबाही वाली बाढ़ के कारण बुरी तरह से प्रभावित है, ये लोग हर दिन लगातार मौत से संघर्ष कर रहें हैं।

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बसपा सुप्रीमो ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि देश की आम जनता सहित तमाम संस्‍थाएं पीड़ितों की सहायता में अपने स्‍तर से लगी हुई हैं। इसके बाद भी गैर बीजेपी राज्‍य होने के चलते मोदी सरकार केरल के साथ सौतेला व्‍यवहार कर रही है, जिसकी बीएसपी कड़े शब्दों में निंदा करने के साथ ही मांग करती है कि केंद्र सरकार संवेदनहीनता छोड़ इसको ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित कर केरल सरकार को मदद व वहां लोगों को राहत व पुनर्वास में सहयोग करें। साथ ही मोदी सरकार को इस राष्ट्रीय कर्तव्य के निर्वहन में किसी भी कानून को आड़े नहीं आने देना चाहिये।

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मायावती ने सवाल उठाते हुए आगे कहा कि मोदी सरकार केरल की भीषण तबाही को ना तो ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित कर रही है और ना ही केरल राज्य को अपने स्तर पर अतिरिक्‍त संसाधन जुटाने के लिए स्टेट जीएसटी के अंतर्गत सेस लगाने की अनुमति देने के मामले में गंभीरता व ईमानदारी नहीं दिखा रही है, इसको मोदी सरकार की संकीर्ण राजनीति नहीं तो और क्या कहा जाएगा।

वहीं आज मायावती ने दक्षिण भारत जोन के सभी राज्यों की बसपा यूनिट व शाखाओं को प्राकृति आपदा से निपटने में केरल को तन, मन, धन से पूरा-पूरा सहयोग करने का निर्देश भी दिया है।

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साथ ही बसपा सुप्रीमो ने कहा कि उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश में भी बाढ़ के हालात से काफी क्षेत्रों में जन-जीवन काफी ज्यादा प्रभावित है। इसके लिये राज्य सरकारों को लापरवाही व उदासीनता के बजाय पूरी गंभीरता से काम करने की जरूरत है। मायावती ने तंज कसते हुए कहा कि हवाई दौरे से ज्यादा बाढ़ पीड़ित जिलों के स्थानीय जिला प्रशासन की व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त व उन्हें आवश्यक संसाधन मुहैया कराने की जरूरत है ताकि सही मायने में बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंच सके।

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