आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। भारत विविधताओं वाला देश है, जहां अनेक धर्म और भाषाओं के लोग रहते हैं। अनेकता में एकता भारत की पहचान है। छात्रों का परम धर्म ज्ञान अर्जन करना है। केवल किताबी कीड़ा न बनें बल्कि खेल-कूद व व्यक्तित्व विकास पर भी ध्यान दें।
उक्त बातें यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने गुरुवार को नागालैण्ड से आए 24 छात्रों के दल को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडु की बात को दोहराते हुए कहा कि छात्र तीन ‘एम’ पर ध्यान दें। पहला ‘माता-पिता और गुरूजनों का सम्मान करें।’ दूसरा ‘एम’ मातृभाषा तथा तीसरा ‘एम’ यानि मातृभूमि पर अभिमान करें। भारत हमारी मातृभूमि है, हम सबको उसका सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेना हमारी मातृभूमि की सुरक्षा करती है।
वहीं यूपी के महत्व को बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश का अनेक दृष्टि से महत्व है। उत्तर प्रदेश भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली है। 22 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश से विश्व के केवल तीन देश चीन, अमेरिका एवं इण्डोनेशिया की आबादी अधिक है। उत्तर प्रदेश से लोकसभा में 80 सांसद जाते हैं।
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राज्यपाल ने छात्रों को जानकारी देते हुए बताया कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित नौ प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश ने अब तक देश को दिए हैं। नागालैण्ड राज्य की आबादी 31 लाख है, जबकि लखनऊ शहर की आबादी 35 लाख है। उन्होंने संविधान के अंतर्गत राज्यपाल के दायित्व और कर्तव्यों के बारे में भी छात्रों बताते हुए कहा कि नागालैण्ड के राज्यपाल श्री पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य भी मुंबई निवासी हैं। जिनसे गत 30 वर्षों से उनकी मित्रता है।
बता दें कि छात्रों के दल ने आज राम नाईक से राजभवन में मुलाकात की। यह दल सदभावना की दृष्टि से ‘राष्ट्रीय एकीकरण शैक्षिक यात्रा’ पर आज लखनऊ आया था। छात्र दल का नेतृत्व सात असम रायफल के कैप्टन प्रशान्त गारकर कर रहे थे। सभी छात्र कक्षा सात से नौ तक के विद्यार्थी हैं जो नागालैण्ड के सुदूर क्षेत्रों के रहने वाले हैं।
इस अवसर पर कैप्टन प्रशांत गारकर ने राज्यपाल को सात असम रायफल की ओर से प्रतीक चिन्ह व अंग वस्त्र भेंट किए। साथ ही उन्होंने बताया कि यह दल लखनऊ के बाद कोलकाता भ्रमण पर भी जाएगा। इस दौरान राज्यपाल के साथ उनके विशेष सचिव डॉ. अशोक चन्द्र व विद्यालय के शिक्षकगण भी उपस्थित रहे।