NIA का नाम सुनकर दहशत में आ जातें हैं टेरर फंडिंग वाले: राजनाथ सिंह

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एनआईए के कार्यक्रम में राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ समेत अन्य।

आरयू ब्‍यूरो,

लखनऊ। राजधानी पहुंचे केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज अपने संबोधन में मोदी सरकार की नीतियों की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि मोदी सरकार नक्सलवाद, आतंकवाद और उग्रवाद पर विजय प्राप्त करने की दिशा में बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्‍होंने यह भी कहा कि टेरर फंडिंग के स्रोत को रोक कर आतंकवाद को खत्म किया जा सकता है।

उक्‍त बातें राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के गोमती नगर विस्‍तार स्थित आवासीय एवं प्रशासनिक भवन के उद्घाटन के दौरान कही। अपने संसदीय क्षेत्र में राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में पूर्वोत्तर में उग्रवाद 75 प्रतिशत कम हुआ है, जबकि नक्सलवाद में 40 प्रतिशत गिरावट आई है। इसके अलावा एनआईए के कामों की सराहना करते हुए कहा की राष्ट्रीय जांच एजेंसी की सक्रिय भूमिका की वजह से जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं में भी कमी आई है। उन्‍होंने जाली नोटों का उग्रवाद, आतंकवाद और नक्सलवाद में बढ़ोत्‍तरी में अहम योगदान बताया।

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गृहमंत्री ने कहा कि एनआईए देश की श्रेष्ठ जांच एजेंसी है और आतंकवाद का वित्त पोषण करने वाले लोग एनआईए का नाम सुनकर दहशत में आ जाते हैं। भारत में एनआईए का पहला रिहाइशी कॉम्प्लेक्स और कार्यालय लखनऊ में स्थापित किया गया है। इसके कार्यक्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और मध्य प्रदेश आते हैं। हालांकि यह चारों राज्य आतंकवाद की दृष्टि से शांत क्षेत्र माने जाते हैं।

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कार्याक्रम के दौरान वार्ता करते गृहमंत्री और मुख्य्मंत्री।

उन्होंने कहा कि बहरहाल एनआईए सारे देश में 165 मामलों की जांच कर रही है और करीब 95% मामलों में उसने कामयाबी हासिल की है। ऐसा करने वाली वह देश की पहली एजेंसी है। लखनऊ में इसका कॉम्प्लेस बनने से इसकी कार्यप्रणाली में और सुधार होगा।

भारत दुनिया में आतंकवाद की दृष्टि से बेहद संवेदनशील: योगी

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से अनुरोध किया कि एनआईए और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जांच एवं खुफिया एजेंसियों के बीच प्रति छह माह में एक उच्च स्तरीय बैठक हो ताकि प्रभावी ढंग से आपसी तालमेल के साथ काम हो सके।

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सीएम ने कहा कि आतंकवाद से लड़ने के लिए अपनी जांच एजेंसियों को अत्याधुनिक और ताकतवर बनाना होगा। उत्तर प्रदेश की सभी जांच एजेंसियां एनआईए को हर स्तर पर सहयोग करेंगी। योगी ने कहा कि भारत दुनिया में आतंकवाद की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। पड़ोस के कुछ देशों ने आतंक को अपनी विदेश नीति का हिस्सा बना लिया है, एनआईए के जरिए उन्हें नेस्तनाबूद किया जा सकेगा।

23 मामले में मिली एनआईए को कामयाबी

एनआईए के महानिदेशक शरद कुमार ने इस मौके पर बताया कि एनआईए के लखनऊ कॉम्प्लेक्स के निर्माण पर 36 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। लखनऊ एनआईए ने अब तक 24 की मामले पंजीकृत किए हैं जिनमें से 23 में उस उसे कामयाबी मिली है।

बता दें कि एनआईए लखनऊ परिसर का शिलान्यास गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 28 दिसंबर 2015 को किया था। एनबीसीसी इंडिया द्वारा निर्मित इस परिसर में शासकीय ब्लॉक सामुदायिक केन्द्र और आवासीय परिसर का निर्माण किया गया।

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