आरयू वेब टीम। अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर नजर बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था। इसी बीच गरुवार को एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। साथ ही सवाल किया है कि तालिबान के बारे में मोदी सरकार का पोजिशन क्या है? वे आतंकवादी हैं या नहीं हैं? भारत अगर तालिबान को आतंकवादी मानता है तो क्या उनको यूएपीए की लिस्ट में शामिल करेगा?
मीडिया से बात करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सरकार क्यों शर्मा रही है? पास आते भी नहीं, चिलमन से हटते भी नहीं। ये पर्दे से झांक झांककर क्यों मोहब्बत कर रहे हैं। खुलकर बोलिए ना। ओवैसी ने कहा कि केंद्र सरकार को तालिबान को लेकर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के मामले में और देश की सुरक्षा के मामले में सरकार को जवाब देना पड़ेगा।
साथ ही आगे कहा कि हम उनको हमारी सरजमीं में बुलाकर चाय पिलाते हैं, बिस्कुट और कबाव खिलाते हैं। इसी बीच पत्रकार ने एक सवाल पूछा, लेकिन उन्होंने बीच में ही कहा कि पाकिस्तान अगर एडमिट कर रहा है तो आप भारत की सरजमीं में बुलाकर चाय-बिस्कुट खिलाएंगे? ओवैसी ने कहा कि तालिबान और पाकिस्तान का ऐसा रिश्ता है, जो कभी समाप्त नहीं होने वाला है। दरअसल, भारत ने पहली बार तालिबान के साथ बातचीत की थी। कतर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने मंगलवार को तालिबान नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई से मुलाकात की थी।
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वहीं, कुछ वक्त पहले ओवैसी ने अफगानिस्तान मुद्दे को लेकर मोदी सरकार को घेरते हुए कहा था कि उनके पास पड़ोसी मुल्क को लेकर कोई प्लान नहीं है। गौरतलब है कि 15 अगस्त को काबुल में तालिबान की एंट्री के साथ ही राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अफगानिस्तान छोड़ दिया था और तमाम देश अपने-अपने लोगों को वहां से निकालने की कोशिशों में जुट गए थे। फिलहाल 31 अगस्त के बाद से निकासी अभियान भी स्थगित हो गया है और अमेरिकी सैनिकों की भी वतन वापसी हो चुकी है। इस वक्त अफगानिस्तान पर तालिबान का राज है।