आरयू ब्यूरो, लखनऊ। दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के आज पुलिस कस्टडी में हुए एनकाउंटर को लेकर विपक्ष समेत तमाम लोग तरह-तरह के सवाल उठा रहें हैं। वहीं इन सबके बीच आज शाम एसटीएफ ने मीडिया से बताया है कि आखिर विकास दुबे वाली ही गाड़ी कैसे पलट गयी थी। वहीं एसटीएफ ने यह भी बताया कि वाहन पलटने के दौरान हुई सड़क दुर्घटना में इंस्पेक्टर समेंत पांच, जबकि विकास दुबे की ओर से की गयी फायरिंग में दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं, जिनका उपचार किया जा रहा।
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उत्तर प्रदेश एसटीएफ की ओर से आज शाम प्रेस नोट जारी कर बताया गया कि विकास दुबे को कल शाम उज्जैन कोर्ट से लेकर कानपुर नगर न्यायालय में पेश करने के लिए सीओ एसटीएफ तेज बहादुर सिंह के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा लाया जा रहा था। आज तड़के विकास दुबे वाले वाहन के कानपुर नगर के सचेण्डी थाना क्षेत्र स्थित कन्हैया लाल अस्पताल के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग के पास पहुंचने पर उसके सामने एकाएक गाय-भैसों का झुंड भागता हुआ सड़क पर आ गया।
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सड़क दुर्घटना के बारे में एसटीएफ की ओर से यह भी तर्क दिया गया है कि लंबी यात्रा से थके ड्राइवर ने जानवरों से दुर्घटना को बचाने के लिए गाड़ी को एकाएक मोड़ा तो गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गयी।
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एसटीएफ के अनुसार अचानक हुई इस घटना से विकास दुबे के साथ वाहन में मौजूद इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी, एसआइ पंकज सिंह व अनूप सिंह, आरक्षी सत्यवीर और प्रदीप कुमार घायल हो गए, जबकि मौका देखते ही विकास दुबे इंस्पेक्टर रमाकांत चौधरी की सरकारी पिस्टल झटके से खींचकर खेत की ओर भागने लगा।
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इसी बीच पीछे से आ रहे दूसरी गाड़ी में वहां पहुंचे सीओ तेजबहादुर सिंह ने अपने हमराहियों के साथ विकास दुबे का पीछा किया। तेज बहादुर के अनुसार एसटीएफ की टीम उसे पकड़ने ही वाली थी कि विकास ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी, जिससे एसटीएफ के मुख्य आरक्षी शिवेंद्र सिंह सेंगर व आरक्षी विमल यादव घायल हो गये। जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे को भी गोलियां लगी, जिसे तत्काल उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया।