प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख, सोनिया गांधी ने की पेट्रोल-डीजल के दाम में कमी करने मांग, पिछली सरकार पर ठीकरा नहीं फोड़ने की नसीहत भी दी

पेट्रोल-डीजल

आरयू वेब टीम। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर कांग्रेस केंद्र की मोदी सरकार को निशाना पर लिए हुए है। इसी क्रम में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने रविवार को ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। जिसमे सोनिया नें कहा है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें ऐतिहासिक एवं अव्यावहारिक हैं। “मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में की गई बढ़ोतरी को वापस लें और इसका फायदा मध्यम, वेतनभोगी वर्ग, हमारे किसानों, गरीबों और हमारे साथी नागरिकों को प्रदान करें।”

सोनिया गांधी ने पत्र में ये भी कहा है कि सरकार को एक्साइज ड्यूटी कम करके आम लोगों को राहत देनी चाहिए। जिस तरह जीडीपी ‘गोता खा रही’ है और ईंधन के दाम बेतरतीब बढ़ रहे हैं, सरकार अपने आर्थिक ‘कुप्रबंधन’ का ठीकरा पिछली सरकारों पर फोड़ने में लगी है। साथ ही सोनिया ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में पिछली सरकारों पर आरोप नहीं डालने की नसीहत भी दी है।

कांग्रेस प्रमुख ने सवाल किया है कि सरकार रेट बढ़ाने के अपने कदम को सही कैसे ठहरा सकती है? सोनिया गांधी ने पत्र में सरकार से पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी को कम करके रामधर्म का पालन करने की अपील की है।पत्र में कहा गया है कि मोदी सरकार के लगभग सात साल पूरे हो गए हैं लेकिन अब भी एनडीए सरकार अपने आर्थिक कुप्रबंधन के लिए पिछली सरकारों को दोषी ठहराती है। आगे दावा किया गया कि देश में 2020 में कच्चे तेल का उत्पादन पिछले 18 साल के न्यूनतम स्तर पर है। ‘सही बात तो यह है कि कच्चे तेल की ये कीमतें यूपीए सरकार के कार्यकाल से लगभग आधी हैं, इसलिए पिछले 12 दिन में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में की गई वृद्धि, विशुद्ध रूप से दुस्साहसिक मुनाफाखोरी का उदाहरण है।’

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वहीं कहा कि ‘सरकारों का चुनाव लोगों का बोझ कम करने के लिए किया जाता है, न कि उनके हितों पर कुठाराघात करने के लिए, मैं आपसे आग्रह करती हूं कि आप ईंधन की कीमतों में तत्काल कमी करके कच्चे तेल की कम कीमतों का लाभ मध्यम श्रेणी, वेतनभोगी तबके, किसानों, गरीबों और आम आदमी को दें। ये सब लोग लंबे समय से अभूतपूर्व आर्थिक मंदी, चौतरफा बेरोजगारी, वेतन में कमी और नौकरियां खो देने के कारण भयावह संघर्ष के दौर से गुजर रहे हैं।’

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में सोनिया ने रसोई गैस सिलेंडर के बढ़ते दामों का भी जिक्र कर कहा कि ‘एलपीजी के बिना सब्सिडी वाले घरेलू सिलेंडर की कीमतें दिल्ली में 769 रुपए और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में 800 रुपए प्रति सिलेंडर को भी पार कर गई हैं। यह और भी निर्दयतापूर्ण है क्योंकि इससे हर घर प्रभावित होता है। सरकार के पास दिसंबर, 2020 से लेकर अब तक ढाई महीने में प्रत्येक सिलेंडर की कीमत 175 रुपए बढ़ा देने का क्या औचित्य हो सकता है?’

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