बाघों की संख्या जारी कर पीएम मोदी ने कहा, दुनियाभर में घट रही बाघों की आबादी

मुदुमलाल टाइगर रिजर्व
कैमरे के साथ फोटोग्राफी करते नरेंद्र मोदी।

आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को कर्नाटक दौरे पर हैं। वे राज्य के बांदीपुर मुदुमलाल टाइगर रिजर्व पहुंच गए हैें। पीएम मोदी ने देश में बाघों की संख्या के नए आंकड़े जारी किए हैं। इसके साथ ही देश में बाघों की संख्या बढ़कर तीन हजार 167 हो गई है। इस दौरान पीएम मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि देश में चार साल में 200 बाघ बढ़े। जब दुनियाभर में बाघों की आबादी घट रही है, तो भारत में क्यों बढ़ रही है।

वहीं भारत के समाज में बायो डायवर्सिटी को लेकर जो हमारा स्वाभाविक आग्रह है वो ही सफलता के अंदर छिपा हुआ है। हम इकोलॉजी और इकोनॉमी में भेद नहीं मानते, बल्कि दोनों के बीच को एक्जीस्टेेंस को महत्व देते हैं। हमारे यहां टाइगर से जुड़ा हजारों वर्ष पुराना इतिहास है। एमपी में दस हजार साल पुरानी रॉक आर्ट्स में बाघों के चित्र हैं। पीएम यहां बाघों को बचाने के लिए 50 साल पहले शुरू किए गए प्रोजेक्ट टाइगर की सालगिरह पर कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया।

पीएम मोदी ने कहा कि प्रोजेक्ट टाइगर भारत के लिए गौरव का पल है। मैं जब गुजरात में था तब शेरों पर काम किया। वहीं मैंने सीखा कि इसके लिए स्थानीय लोगों और जानवरों के बीच एक इमोशन और इकोनॉमी का रिश्ता होना चाहिए। इसलिए गुजरात में हमने वन्यप्राणी मित्र कार्यक्रम चलाया। हमने गिर के कार्यक्रम के लिए रीहेबिलिटेशन सेंटर भी खोला। फॉरेस्टर्स की भर्ती भी की। क्योंकि लॉयन है, तो हम हैं, हम हैं तो लॉयन हैें। इस भावना को मजबूत किया। आप देख सकते हैं कि अब गिर में टूरिज्म का बड़ा सिस्टम बन चुका है। उसी तरह प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता के भी कई आयाम हैं। इससे टूरिस्ट एक्टिविटी बढ़ी।

पीएम ने कहा कि दशकों पहले चीता विलुप्त हो गया था। हम अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क में चीते लेकर आए। कुछ समय पहले चार सुंदर शावकों ने जन्म लिया है। भारत की धरती से करीब 75 साल पहले चीता विलुप्त हो गया था। 75 साल की धरती पर अब इन्हीं चीतों ने जन्म लिया है। यह इस बात का भी प्रमाण है कि बायो डायवर्सिटी की समृृद्धि कि लिए विदेशी स्तर पर कॉर्डिनेशन कितना अहम है।

यह भी पढ़ें- मन की बात में पीएम मोदी ने कहा, वोकल फॉर लोकल के संकल्प के साथ मनाएं होली

आगे कहा कि हम साथ मिलकर इन विलुप्त जातियों के उत्थान के लिए काम करना है। यह दायित्व हम सभी का है, पूरे विश्व का है। इसी भावना को हम अपनी जी-20 अध्यक्षता के दौरान निरंतर प्रोत्साहित भी कर रहे हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि जी 20 का उदृदेश्य वन फैमिली, वन नेचर का भी संदेश देता है। हमने अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किए हैं। मुझे विश्वास है कि आपसी सहयोग से पर्यावरणीय लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।

इस दौरान पीएम मोदी ने बांदीपुर रिजर्व की विजिट के दौरान वन्य प्राणियों को निहारा और फोटोग्राफी भी की। इस दौरान हाथियों के झुंड के बीच एक हाथी को उन्होंने अपनी पास में रखा गन्ना खिलाया।।

यह भी पढ़ें- कूनो नेशनल पार्क से निकल झारबड़ौदा गांव में पहुंचा चीता, ग्रामीणों में दहशत