आरयू ब्यूरो, लखनऊ/गाजियाबाद। देश की चर्चित साइकिल कंपनी एटलस ने आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए फैक्ट्री बंद करने का ऐलान कर दिया है। जिसे एक ही झटके में करीब हजार कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। वहीं इस मामले को लेकर गुरुवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर हमला बोला है। प्रियंका ने तंज कसते हुए कहा कि सरकार के प्रचार में तो सुन लिया इतने का पैकेज, इतने एमओयू, लेकिन असल में रोजगार खत्म हो रहे हैं।
कांग्रेस महासचिव ने आज सोशल मीडिया के माध्यम से ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “कल विश्व साइकिल दिवस के मौके पर साइकिल कंपनी एटलस की गाजियाबाद फैक्ट्री बंद हो गई। 1000 से ज्यादा लोग एक झटके में बेरोजगार हो गए। सरकार के प्रचार में तो सुन लिया कि इतने का पैकेज, इतने एमओयू, इतने रोजगार, लेकिन असल में तो रोजगार खत्म हो रहे हैं, फैक्ट्रियां बंद हो रही हैं। लोगों की नौकरियां बचाने के लिए सरकार को अपनी नीतियां और योजना स्पष्ट करनी पड़ेगी।”
ये है पूरा मामला
मालूम हो कि तीन जून से कंपनी ने कारखाना प्रबंधक के माध्यम से अपने कर्मचारियों के लिए बैठकी (ले-ऑफ) की सूचना दे दी है और इसे गाजियाबाद के उपश्रमायुक्त, संराधन अधिकारी, गाजियाबाद के साथ फैक्ट्री के मुख्य द्वार, नोटिस बोर्ड और कर्मचारी संगठनों के दफ्तर में प्रेषित कर दिया है। इसमें कहा गया है कि कंपनी पिछले कई सालों से भारी आर्थिक संकट से गुजर रही है। कंपनी ने सभी उपलब्ध फंड खर्च कर दिए हैं और स्थिति ये है कि कोई अन्य आय के स्रोत नहीं बचे हैं। यहां तक कि दैनिक खर्चों के लिए भी धन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
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वहीं नोटिस में ये भी कहा गया है कि सेवायोजक जब तक धन का प्रबंध नहीं कर लेते, तब तक वे कच्चा माल खरीदने के लिए भी असमर्थ हैं। ऐसी स्थिति में सेवायोजक फैक्ट्री चलाने की स्थिति में नहीं हैं। यह स्थिति तब तक बने रहने की आशंका है, जब तक सेवायोजक धन का प्रबंध न कर लें। सभी कर्मचारी तीन जून से बैठकी (ले-ऑफ) पर घोषित किए जाते हैं। इस दौरान कर्मचारी साप्ताहिक अवकाश छोड़कर रोज फैक्ट्री के गेट पर अपनी हाजिरी लगाएं नहीं तो वे प्रतिकर पाने के अधिकारी नहीं होंगे।
इसपर कंपनी के कर्मचारियों का कहना है कि दो दिन से कारखाना खुला है। उन्होंने एक और दो जून को कारखाने में काम किया, सफाई व्यवस्था के साथ काम हुआ। आज इन्होने गेट पर अचानक नोटिस लगा दिया और हमसे कहा कि आप हाजिरी लगाओ, अपने-अपने घर जाओ। सैलरी के बारे में भी कहा है कि आधा देंगे या नहीं देंगे, वो बाद की बात है। उन्होंने कहा कि इस कारखाने में करीब एक हजार लोग काम करते हैं, ये सभी बेरोजगार हो गए हैं। मान लीजिए उन्होंने पांच हजार रुपये दिए भी तो उसमें तो हमारा किराया भी नहीं निकलेगा।
प्रोडक्शन की कोई दिक्कत नहीं
वहीं कारखाने से प्रोडक्शन की बात पर कर्मचारी ने बताया कि लॉकडाउन से पहले डेढ़ लाख से दो लाख तक साइकिल हमने बेचीं। लॉकडाउन में थोड़ा असर जरूर पड़ा है। प्रोडक्शन में कोई कमी नहीं थी। कर्मचारी ने कहा कि आर्थिक तंगी संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि एक साल पहले इनकी मालमपुर में यूनिट थी, उसे करीब एक साल पहले इन्होंने ऐसे ही बंद कर दिया था। दूसरा सोनीपत में सबसे बड़ा प्लांट था, वो भी इन्होंने अभी बंद कर दिया है।