आरयू वेब टीम।
गुरमीत राम रहीम को साध्वी से बलात्कार के दो मामलों में दस-दस साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। इसके अलावा 30 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। जिनमें से 14-14 लाख दोनों रेप पीडि़तों को मिलेंगे जबकि दो लाख रुपए कोर्ट में जमा होंगे। सजा सुनाए जाने के बाद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख फूट-फूटकर रोने लगा। इससे पहले उसने हाथ जोड़कर जज से माफी की भी गुजारिश की।
विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश जगदीप सिंह ने सुनारिया जेल में बनी अस्थायी अदालत में राम रहीम को सजा सुनाई। वहीं राम रहीम के वकील ने कहा कि इस फैसले को वह हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।
स्थानीय मीडिया के अनुसार अदालत का फैसला पढ़ा गया तो राम रहीम रो पड़ा और हाथ जोड़कर रहम की गुहार लगाई। यहां तक कि सजा सुनाए जाने के बाद गुरमीत सिंह ने कोर्ट छोड़ने से इंकार कर दिया जिसके बाद उसे जबरन बाहर ले जाया गया।
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वहीं बीते शुक्रवार को राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद विभिन्न राज्यों में हुई जबरदस्त हिंसक घटनाओं को देखते हुए जहां उपद्रवियों को देखते ही गोली मार देने के आदेश जारी कर दिए गए थे। वहीं राम रहीम को पंचकुला स्थित अदालत में ले जाने की बजाय विशेष सीबीआई न्यायाधीश जगदीप सिंह ने खुद रोहतक पहुंचकर सजा सुनाई।
न्यायधीश हेलीकॉप्टर से रोहतक पहुंचे। हेलीकॉप्टर जेल के निकट बने हेलीपैड पर उतरा। बचाव और अभियोजन पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने राम रहीम को कुल 20 साल जेल की सजा सुनाई। सजा पर बहस के दौरान सीबीआई के वकील ने डेरा प्रमुख को उम्रकैद देने की मांग की, जबकि राम रहीम के वकील की ओर से डेरा प्रमुख की ओर से किए जाने वाले सामाजिक कार्यों को देखते हुए अदालत से नरमी दिखाने की मांग की गयी।
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वकीलों की दलीलें सुनते हुए राम रहीम रो पड़े और सर झुका कर न्यायाधीश से हाथ जोड़ कर कहा मुझे माफ कर दीजिए। वहीं सजा के ऐलान होने के साथ ही गुरमीत सिंह फर्श पर बैठकर फूट-फूट कर रोने लगा।
सिरसा में फूंक दी कार
सिरसा से मिली रिपोर्टों में कहा गया है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को बलात्कार के एक मामले में दस साल की जेल की सजा सुनाये जाने के बाद कुछ अज्ञात लोगों ने सिरसा कोटली गांव में एक कार जला दी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि डेरा सच्चा सौदा के मुख्यालय से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोटली गांव के निकट कुछ अज्ञात लोगों ने एक लग्जरी कार जला दी। अधिकारी ने बताया कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इसमें डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी संलिप्त थे। पुलिस अधिकारी ने बताया हम मामले की जांच कर रहे हैं। ग्राम सरपंच का बयान दर्ज किया जा रहा है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि डेरा अनुयायियों ने आगजनी की है, जो अदालत के फैसले से आक्रोशित थे।
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ये था मामला
उल्लेखनीय है कि अदालत ने डेरा सच्चा सौदा के 50 वर्षीय प्रमुख राम रहीम को 2002 में एक अनाम लिखित शिकायत के आधार पर दर्ज किए गए मामले में बलात्कार का दोषी करार दिया था। शिकायत में उन पर दो महिला अनुयायियों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया। रिपोर्ट के आधार पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देश पर उनके खिलाफ दिसंबर, 2002 में मामला दर्ज किया गया था।
देखते ही गोली मारने के थे आदेश
दूसरी ओर आज रोहतक रेंज के पुलिस महानिरीक्षक नवदीप सिंह विर्क ने मीडिया को बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देशों पर जेल के भीतर पुस्तकालय में एक विशेष अदालत कक्ष बनाया गया है और वहां अदालत की कार्यवाही चली। जेल परिस के आसपास सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गए। रोहतक और जेल के आसपास के इलाकों में सुरक्षा के बहुस्तरीय प्रबंध किए गए थे। अर्धसैनिक बलों की 23 कंपनियों की तैनाती की गई थी। जेल की ओर जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया गया था और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सेना को तैयार रखा गया था। हरियाणा और पंजाब हाई अलर्ट पर रहे और अधिकारियों ने सुरक्षा हालात को चुनौतीपूर्ण करार देते हुए चेतावनी दी थी कि हिंसक प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मार दी जाएगी।
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