आरयू वेब टीम।
केरल के सबरीमाला मंदिर में एक बार फिर महिलाओं के प्रवेश को लेकर घमासान जारी है। वहीं मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर मंगलवार की सुबह प्रदर्शन कर रहे श्रद्धालुओं ने मीडिया के लोगों को निशाना बनाया, जिसमें एक फोटो जर्नलिस्ट घायल हो गया।
बताते चलें कि सन्निधानम या मंदिर के अंदर वाले आंगन में मंदिर द्वारा प्रतिबंधित आयु वर्ग की एक महिला के प्रवेश की खबरों के बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारी जमा हो गए। प्रदर्शनकारियों को ऐसी खबर मिली कि एक महिला ने मंदिर में घुसने का प्रयास किया था, जिसके बाद वहां हंगामा शुरू हो गया।
सबरीमाला मंदिर के खुलने के दूसरे दिन भी मासिक धर्म की उम्र सीमा में आने वाली महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ में प्रदर्शन शुरू हो गया। पुलिस ने बाद में पुष्टि की कि 52 साल की महिला ने मंदिर परिसर में प्रवेश करने की कोशिश की। पुलिस पूरी सुरक्षा के साथ पुलिस स्टेशन महिला और उसके बेटे को ले गई।
यह भी पढ़ें- सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध, पुलिस हिरासत में प्रदर्शनकारी
वहीं प्रदर्शन के बीच पत्रकारों पर पंबा बेस कैंप के पास हमले किए गए, जिसमें एक कैमरा पर्सन घायल हो गया। सोमवार को इस इलाके में कानून-व्यवस्था कायम करने के लिए मंदिर परिसर में 20 कमांडो टीम और करीब 100 महिला पुलिसकर्मियों के साथ-साथ एक हजार सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था।
इस अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था के बीच दो दिवसीय विशेष पूजा के लिए तीन हफ्ते में दूसरी बार भगवान अयप्पा मंदिर के दरवाजे सोमवार को यहां खोले गए। आशंका थी कि मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश संबंधी उच्चतम न्यायालय के आदेश का विरोध करने वाले यहां प्रदर्शन कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें- विशेष पूजा के लिए पांच नवंबर को खुलेगा सबरीमाला मंदिर, रहेगी कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था
बता दें कि पम्बा वह स्थान है जहां से श्रद्धालु पर्वत चोटी पर स्थित सबरीमला मंदिर तक पांच किलोमीटर तक पैदल जाते हैं। इससे पहले, सबरीमला को लगभग किले में तब्दील कर दिया गया। मंदिर परिसर और आस-पास बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी, सशस्त्र कमांडो की मौजूदगी के साथ साथ सुरक्षा के चाक चौबंद प्रबंध किए गए। निगरानी कैमरे और मोबाइल फोन जैमर भी लगाए गए।
यह भी पढ़ें- सबरीमाला मंदिर: पुनर्विचार याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार