#CAAViolence: सड़कों से पोस्‍टर हटाने के हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के मूड में योगी सरकार

वसूली के लिए अध्यादेश
हजरतगंज चौराहे पर लगा आरोपितों का पोस्टर।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के भड़की हिंसा व उपद्रव के आरोपितों के पोस्‍टर मंगलवार रात तक सड़कों से नहीं हटाएं गएं हैं।

कहा जा रहा है कि योगी सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगी और वहां हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देगी। अभी इस बारे में आधिकारिक रूप से कोई अधिकारी खुलकर नहीं बोल रहा है। हालांकि मंगलवार की रात इंस्‍पेक्‍टर हजरतगंज ने जरूर इतना कहा कि अभी तक पोस्‍टर नहीं हटाया गया है।

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सूत्रों की मानें तो सरकार की ओर से एसएलपी दाखिल करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। वहीं सरकार व भाजपा के अंदरखाने से जो आवाज आ रही है, उसके मुताबिक यूपी की 23 करोड़ जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार पर है। इससे किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। जो भी जरूरी कदम होंगे, उसे उठाया जाएगा।

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इस सिलसिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश का अध्ययन कराया जा रहा है। सरकार की पहली प्राथमिकता यूपी की 23 करोड़ जनता की सुरक्षा है। इस संबंध में जो भी उचित होगा, वही फैसला लिया जाएगा।

सीएम योगी के गोरखपुर से लौटने पर होगा फाइन फैसला

वहीं आज होली के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में मौजूद हैं। सीएम के वापस राजधानी लखनऊ लौटने पर शासन व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उनसे चर्चा करेंगे। जिसके बाद मामले में सरकार की ओर से लिए गए निर्णय की आधिकारिक रूप से घोषणा हो सकती है।

फूंक-फूंककर कदम रख रही सरकार

वहीं सूत्रों की मानें तो हाई कोर्ट से झटका खाने के बाद अब इस मामले में प्रदेश सरकार फूंक-फूंककर कदम रख रही है। यहीं वजहें है इस मामले में अधिकारी भी कुछ खुलकर बोलने से फिलहाल बच रहें हैं।

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कहा यह भी जा रहा है कि इस संबंध में सरकार सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकीलों से भी राय ले रही। उसके बाद सरकार उच्च न्यायालय के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देने या फिर नहीं देने का फाइन निर्णय लेगी।

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