SBI ग्राहकों को बैंक ने दिया तगड़ा झटका, अब लोन की ज्यादा किस्तें होंगी चुकानी

इलेक्टोरल बॉन्ड घोटाला

आरयू वेब टीम। भारत के सबसे बड़े बैंक एसबीआइ ने ग्राहकों को आज तगड़ा झटका दिया है। बैंक से कर्ज लेने वाले ग्राहकों को अब लोन की ज्यादा किस्तें चुकानी होंगी। बैंक ने लगातार दूसरे महीने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स यानी एमसीएलआर (एमसीएलआर) की दरों में बढ़ोत्तरी कर दी है। बैंक द्वारा दी गई सूचना के अनुसार आज से बैंक की एमसीएलआर (एमसीएलआर) दरों में 0.10 प्रतिशत का इजाफा कर दिया गया है। एमसीएलआर दरें बढ़ने से अब बैंक के मौजूदा व नए कर्ज महंगे हो गए हैं।

स्टेट बैंक ग्राहकों को लगातार दूसरे महीने ये झटका लगा है। इससे पहले जनवरी में भी बैंक ने एमसीएलआर में दस बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की थी। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने पिछले हफ्ते ही रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की बढ़ोत्तरी की थी। यह रिजर्व बैंक द्वारा की गई लगातार छठी बढ़ोतरी थी। रिजर्व बैंक के फैसले के बाद देश के कई सरकारी और निजी बैंकों ने लोन महंगा कर दिया है।

एमसीएलआर दर…

एमसीएलआर का फुल फॉर्म मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट है। एलसीएलआर की शुरुआत आरबीआई ने 2016 से की थी। इस दर के साथ कमर्शियल बैंक लोन पर ब्याज की दर निर्धारित करते हैं। एमसीएलआर प्रणाली की शुरुआत से पहले, बैंकों द्वारा ली जाने वाली ब्याज दरें ‘ आधार दर ‘ तंत्र पर आधारित थीं। आधार दर को बैंकों द्वारा न्यूनतम संभव उधार दर के रूप में दर्शाया गया है। आधार दर वास्तव में वह दर थी जिसके नीचे बैंकों के लिए ऋण देना संभव नहीं था।

अब कितनी हैं एसबीआइ की एमसीएलआर दरें

एसबीआइ ने ओवरलाइट एमसीएलआर रेट को 7.85 फीसदी से बढ़ाकर 7.95 फीसदी कर दिया है।

एक महीने के टेन्योर के लिए इसे 8.10 फीसदी कर दिया गया है। इससे पहले यह 8.00 फीसदी था।

तीन महीने का एमसीएलआर भी अब 8.10 फीसदी कर दिया गया है

छह महीने के टेन्योर के लिए यह रेट अब 8.30 फीसदी से बढ़कर 8.40 फीसदी पहुंच गया है

एक साल की मैच्योरिटी के लिए नया रेट 8.50 फीसदी कर दिया गया है।

दो साल लिए इसे 8.60 फीसदी और तीन साल के लिए 8.70 फीसदी कर दिया गया है।

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बता दें कि एमसीएलआर में बदलाव का असर लगभग सभी प्रकार के लोन पर पड़ता है। ऐसे में यदि आपने स्टेट बैंक से होम लोन, पर्सनल लोन या ऑटो लोन लिया है तो अब वे सब महंगे हो जाएंगे। यदि आप पुराने ग्राहक हैं तो आपको ईएमआइ ज्यादा अदा करनी पड़ेगी। इसके साथ ही आप लोन की अवधि को बढ़ाकर ईएमआइ को सीमित भी ​कर सकते हैं।

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