अवैध निर्माणों की सीलिंग में डीलिंग पर LDA VC की नजर टेढ़ी, “विहित प्राधिकारियों से कहा, सालों से लटके वादों को निपटाएं, लापरवाह XEN को भी दी चेतावनी नोटिस”

सीलिंग में डीलिंग
इंजीनियर व अफसरों के साथ बैठक करते अक्षय त्रिपाठी।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। लंबे समय से एलडीए की कोर्ट में पेशकारों के दम पर चल रहे अवैध निर्माणों की सीलिंग में डीलिंग के खेल की भनक आखिकार एलडीए उपाध्‍यक्ष अक्षय त्रिपाठी के कानों तक पहुंच ही गयी। शायद यही वजह है कि सोमवार को एलडीए वीसी ने विहित प्राधिकारियों को साफ तौर पर निर्देश दिया है कि एक साल से अधिक समय से कोर्ट में लंबित चल रहे वादों को जल्‍द से जल्‍द निपटाएं।

आज प्रवर्तन अनुभाग की समीक्षा बैठक करते हुए उपाध्‍यक्ष ने अवैध निर्माण पर कार्रवाई में लापरवाही बरतने वाले जोन पांच के अधिशासी अभियंता केके बंसला को चेतावनी नोटिस देते हुए काम में सुधार लाने को कहा है। केके बंसला की ओर से आज समीक्ष बैठक में तय फॉर्मेट के अनुसार अवैध निर्माणों की जानकारी नहीं सामने रखी गयी थी।

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वहीं विहित प्राधिकारियों के कोर्ट में कई सालों से लंबित अवैध निर्माणों के वादों की जानकारी सामने आने पर अक्षय त्रिपाठी ने विहित प्राधिकारियों को निर्देश दिया कि न्यायालय में एक साल या उससे अधिक समय से लंबित मुकदमों के मामलों में तेजी लाते हुए उन्‍हें जल्‍द से जल्‍द निपटाएं।

ऐसे होती है सीलिंग में डीलिंग, जिसपर जिम्‍मेदारी, वहीं…

यहां संक्षेप में बताते चलें कि एलडीए में अवैध निर्माण कराने का ठेका भी आए दिन अवैध निर्माण रोकने के लिए ही अस्तित्‍व में आए प्रवर्तन अनुभाग के इंजीनियर, अधिकारी व कर्मचारियों पर लगता रहा है। एलडीए के जानकारों की मानें तो अधिकतर मामलों में अवैध निर्माण का ठेका लेने की शुरूआत ही जेई द्वारा नोटिस काटकर की जाती है, नोटिस कटने के बाद मामला एलडीए की कोर्ट में विहित प्राधिकारी व पेशकार की मिलीभगत से महीनों व सालों लटका रहता है। इस दौरान अवैध निर्माण न सिर्फ पूरा हो जाता है, बल्कि उसका इस्‍तेमाल भी अवैध निर्माणकर्ता शुरू कर देता है, जबकि आंख बंद करने के लिए तय किए  गए समय-समय पर इंजीनियर, अधिकारी व कर्मचारियों तक सुविधा शुल्‍क पहुंचता रहता है। सीलिंग में डीलिंग के इस खेल में अधिकतर मुख्‍य भूमिका पेशकार व सुपरवाइजर ही निभाता है।

जनता को मिलेगी राहत या बढ़ेगा वसूली का रेट

वीसी के निर्देश पर अमल हुआ तो न सिर्फ वर्तमान में चल रहे अवैध निर्माणों पर लगाम लगेगी, बल्कि पूर्व में हो चुके अवैध निर्माणों पर भी एलडीए की जेसीबी गरज सकती है, हालांकि वीसी की सख्‍ती का डर दिखाते हुए अवैध‍ निर्माण के खेल में माहिर हो चुके कुछ अधिकारी, इंजीनियर व कर्मचारी अवैध निर्माणकर्ता से अपनी वसूली का रेट भी बढ़ा सकते हैं।

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अवैध निर्माणों की ढाल बनें शमन मानचित्र वालें मामले प्राथमिकता पर निपटाएं

वहीं वीसी ने आज अवैध‍ निर्माणों को बचाने के लिए खासकर फर्जी शमन मानचित्र जमा कराने वाले इंजीनियरों के पैतरेंबाजी की काट करने के लिए भी विहित प्राधिकारियों को अपने अंदाज में निर्देश दिया। उपाध्‍यक्ष ने कहा कि अवैध निर्माण के जिन मामलों में लोगों ने शमन मानचित्र दाखिल किया गया है, उनके प्रकरणों को प्राथमिकता के आधार पर नियमानुसार निस्तारित करें।

कोर्ट में नहीं चल रहा मामला, तो ध्‍वस्‍त कराएं अवैध निर्माण

साथ ही उपाध्यक्ष ने आज विहित प्राधिकारी व इंजीनियरों को निर्देश देते हुए कहा है कि जिन अवैध निर्माण को गिराने का आदेश पारित हो चुका है और उनका कोई न्‍यायिक विवाद अब नहीं बचा है, ऐसे अवैध निर्माणों पर ध्‍वस्तिकरण की कार्रवाई कराई जाए।

समीक्ष बैठक के दौरान एलडीए सचिव पवन कुमार गंगवार, विहित प्राधिकारी अमित राठौर, डीके सिंह व रामशंकर के अलावा सभी सातों जोन अधिशासी अभियंता या प्रभारी अभियंता मौजूद रहें।