आरयू ब्यूरो,
वाराणसी। मोदी सरकार के रेल मंत्री बदलने के बाद भी रेल हादसों का दौर आज भी जारी है। सोनभद्र जिले में आज सुबह हावड़ा से जबलपुर जा रही शक्तिपुंज एक्सप्रेस के सात डिब्बे पटरी से उतर गए। हालांकि ओबरा डैम के करीब होने के चलते ट्रेन की स्पीड काफी कम थी। समझा जा रहा है कि स्पीड का कम होना ही यात्रियों के लिए वरदान साबित हुआ। पटरी से उतरने वाले डिब्बों में एसी के चार, जनरल के दो और एसएलआर का एक डिब्बा शमिल हैं।
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हादसा जिस तरह से हुआ उससे देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसके पीछे की वजह पटरियों का टूटना हो सकता है। फिलहाल इस बारे में पुष्टि नहीं हो सकी है। रेलवे समेत अन्य एजेंसियां भी हादसे की जांच कर रही है।
हादसे के बाद इस रूट की ट्रेनों को जहां-तहां रोक दिया गया था। बाद उन्हें रूट बदलकर रवाना किया। इसके साथ ही रेलवे पटरी से उतरे डिब्बों को रास्ते से हटाने की कवायद में लग गया है।
रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार हादसा सुबह करीब सवा छह बजे हुआ। हादसे के समय अधिकतर यात्री सो रहे थे। तेज आवाज के साथ बोगियों के पटरी से उतरने के चलते यात्रियों में भगदड़ मच गई। हालांकि कुछ ही देर में हादसे की स्थिति को समझते हुए यात्रियों ने राहत लेने के साथ ही ऊपर वाले का शुक्र अदा किया।
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वहीं रेलवे ने 16 डिब्बों वाली इस ट्रेन के पीछे लगे सात डिब्बों को काटकर बाकी की ट्रेन को रवाना कर दिया है। रेलवे अधिकारियों की माने तो बड़ी संख्या में पैसेंजर आगे के डिब्बों में शिफ्ट कर दिए गए थे।
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रेल मंत्रालय के प्रवक्ता अनिल सक्सेना ने मीडिया को बताया कि दुर्घटना आज सुबह करीब छह बजकर 25 मिनट पर हुई थी। हादसे में कोई घायल नहीं हुआ है। दुर्घटनाग्रस्त बोगियों के यात्रियों को शेष बोगियों से रवाना कर दिया गया है।
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बताते चलें कि उत्तर प्रदेश समेत इस बीच लगातार देशभर में रेल हादसे हो रहे है। सिर्फ यूपी की बात करें तो मुजफ्फरनगर जिले में 19 अगस्त को उत्कल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी जिसमें 23 की मौत और करीब सौ लोग घायल हो गए थे। उसके चार दिन के भीतर ही ओरैया जिले में कैफियात एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रसत हो गई थी जिसमें करीब 70 यात्री घायल हो गए थे। वहीं बीते दो सितंबर को सोनभद्र के पड़ोसी जिले और प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी उर्वरक लदे मालगाड़ी के चार वैगन पटरी से उतर गए थे।