विधानसभा के सामने अधेड़ ने लगाई खुद को आग, हालत गंभीर, छह घंटे में दूसरी वारदात से उठे सवाल

आत्मदाह की कोशिश
आग बुझाने के बाद अधेड़ को अस्पताल ले जाती पुलिस।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। पांच दिन पहले विधानसभा के सामने आग लगाकर जान देने वाली महिला का मामला लोग अभी भूले भी नहीं थे कि सोमवार शाम एक अधेड़ ने विधानभवन के सामने ही खुद को आग लगा ली। पुलिस ने आग बुझाकर अधेड़ को सिविल अस्‍पताल में भर्ती कराया है, जहां उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है। खुद को आग लगाने वाले की पहचान लखनऊ के ही निवासी सुरेंद्र चक्रवर्ती की रुप में हुई है। सुरेंद्र अपने मकान मालिक की दबंगई व आर्थिक तंगी से परेशान था।

सुरेंद्र के आग लगाने से करीब छह घंटे पहले बाराबंकी के एक दंपत्ति ने दो बच्‍चों समेत विधानसभा के सामने ही खुद को आग लगाकर जान देने की कोशिश की थी, हालांकि पुलिस ने समय रहते परिवार को बचा लिया था, जबकि सुरेंद्र को बचाने के दौरान चार पुलिसकर्मियों का हाथ झुलस गया।

करीब छह घंटें में इस तरह की दूसरी घटना होने के बाद अब विधानसभा के आसपास सुर‍क्षा को लेकर सवाल उठ रहें हैं, मामले को और भी गंभीर तब समझा जा रहा है, जब मात्र पांच दिन पहले ही एक महिला ने विधानसभा के सामने आग लगाकर जान दे दी हो।

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अधेड़ के आग लगाने के संबंध में पुलिस उपायुक्‍त मध्य सोमेन बर्मा ने मीडिया को बताया कि सुरेंद्र हुसैनगंज की डायमंड डेयरी कॉलोनी स्थित जावेद के मकान में किराये पर रहता है। जावेद सिंचाई विभाग में इंजीनियर है। सुरेंद्र उसके मकान में साल 2008 से रह रहा और फोटो कॉपी मशीन लगाकर परिवार का पेट पालता है।

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साल 2013 से दोनों में मकान खाली कराने को लेकर विवाद चल रहा। मामला कोर्ट में है। सुरेंद्र ने बताया कि सोमवार को मकान मालिक ने उसे घर से निकाल दिया। इससे दुखी होकर वह पैदल विधानसभा भवन के गेट नंबर तीन के सामने पहुंचा और शरीर पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा ली। सुरेंद्र का कहना है कि मामला कोर्ट में है, इसके बावजूद उसे घर से निकाल दिया गया।

वहीं सुरेंद्र का हाल जानने पुलिस कमिश्‍नर सुजीत कुमार पांडेय सिविल अस्‍पताल पहुंचे थे। पुलिस आयुक्‍त ने कहा कि आरोपित मकान मालिक को पकड़ने के लिए चार टीमें लगाई गई हैं।

दूसरी ओर सुरेंद्र ने बताया कि वह साल 1996 में कानपुर से लखनऊ आया। हालात अच्छे नहीं थे, इसलिए उसे अपना मकान बेचकर किराये में रहना पड़ा। लॉकडाउन में काम लगभग बंद हो गया। आर्थिक तंगी ने उसकी हिम्मत तोड़ दी थी। मकान मालिक ने घर से निकाल दिया तो उसने यह रास्ता चुना।

वहीं आग लगाने की इस घटना से करीब छह घंटे पहले बाराबंकी सदर कोतवाली के नटखेड़वा निवासी मो. नसीर अपनी पत्‍नी राबिया, बेटे सलीम व अजीज के साथ आत्मदाह करने विधानसभा भवन के सामने पहुंच गया, जिसे पुलिस ने समय रहते बचा लिया।

आत्मदाह की कोशिश

सहायक पुलिस उपायुक्‍त मध्य चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि परिवारजन लोकभवन के गेट नंबर तीन के पास बोतल में भरा ज्वलनशील पदार्थ शरीर पर डालने लगे, तभी पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और कोतवाली ले आए।

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नसीर ने बताया कि वह सरकारी जमीन पर दुकान करता था जिसे नगर निगम ने तोड़कर उसका कब्जा हटवा दिया था। उसे दूसरी जगह पर जमीन दी गई, लेकिन नसीर पुरानी जगह ही वापस चाहता था। उसने अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन बात नहीं बनी तो वह सपरिवार आत्मदाह करने लखनऊ आ गया। बाराबंकी पुलिस से संपर्क कर उसे वापस भेज दिया गया है।