आरयू ब्यूरो,
लखनफ। पुलिस की गोली शिकार हुए लखनऊ के विवेक तिवारी की पत्नी को सरकार ने नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा दिया है। गुरुवार को उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कल्पना को अपॉइंटमेंट और ज्वाइनिंग लेटर सौंपा, जिसके बाद कल्पना की लखनऊ नगर निगम में ओएसडी पद पर ज्वाइनिंग हो गई है।
इस अवसर पर कल्पना तिवारी ने मेयर संयुक्ता भाटिया के साथ ही अन्य लोगों की मौजूदगी में दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी किये। साथ ही उन्होंने मीडिया से कहा कि विवेक तिवारी हत्याकांड की यूपी पुलिस की तरफ से निष्पक्ष जांच हो रही है। सरकार ने जो वायदे किए थे, उसे निभा रही है।
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बता दें मामले में पिछले दिनों सीबीआइ जांच कराने की मांग को लेकर दायर की गई जनहित याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने कहा है कि याची का इस मामले से कोई वास्ता नहीं है, इसलिए इसे खारिज किया जाता है। विवेक तिवारी की हत्या की सीबीआइ जांच कराने की मांग को लेकर शमशेर यादव जगराना ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि एसआइटी जांच में भी यूपी पुलिस के ही सदस्य शामिल हैं, ऐसे में जांच को प्रभावित किया जा सकता है। इसलिए मामले की सीबीआइ जांच कराई जानी चाहिए।
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इस पर अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने सरकार की ओर से याचिका का विरोध किया। उन्होंने तर्क रखा कि सरकार ने मामले में त्वरित कार्रवाई की है। निष्पक्ष जांच चल रही है, इसलिए इसकी सीबीआइ जांच की जरूरत नहीं है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस विवेक चौधरी ने कहा कि मृतक की पत्नी कल्पना तिवारी शिक्षित हैं। वह स्वयं अपना पक्ष रख सकती हैं। याची का इस मामले से कोई वास्ता नहीं बनता है। इसलिए याचिका खारिज की जाती है।
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