आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। सूबे की राजधानी लखनऊ की गोसाईंगंज पुलिस ने शनिवार को एक ऐसी हरकत कर दी जिससे पूरा महकमा शर्मसार हो उठा है। गोसाईंगंज के ओमेक्स रेसीडेंसी के फ्लैट में रह रहे कोयला कारोबारी के यहां आज दो दरोगाओं ने अपने पांच साथियों के साथ धावा बोलकर एक करोड़ 85 लाख रुपए लूट लिए। मामले का पता चलते ही पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया।
एसएसपी के निर्देश पर फॉस्ट हुई पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने आरोपित दोनों दरोगाओं को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि घटना में शामिल पांच अन्य लूटे गए कैश के साथ फरार हैं, एसएसपी ने पकड़े गए दारोगाओं को निलंबित करते हुए व्यापारी की तहरीर पर डकैती व अन्य धाराओं के तहत पुलिसकर्मियों समेत सात के खिलाफ गोसाईंगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस पकड़े गए दरोगाओं से पूछताछ करने के साथ घटना में शामिल उनके साथियों की सरगर्मी से तलाश कर रही है।
सिपाही और ड्राइवर भी हुआ गिरफ्तार
वहीं आशीष तिवारी और पवन मिश्रा से गहन पूछताछ के बाद पुलिस को शनिवार की देर रात पता चला कि घटना में सिपाही प्रदीप भदौरिया और उसका चालक आनंद यादव भी शामिल था। जिसके बाद पुलिस ने उन दोनों को भी गिरफ्तार करते हुए उनके नाम मुकदमें में शामिल कर लिया।
वहीं इससे पहले मूल रूप से सुल्तानपुर जिले धनपतगंज निवासी कोयला और मोरंग के कारोबारी अंकित अग्रहरि ने बताया कि वो गोसाईंगंज इलाके में स्थित ओमेक्स रेसीडेंसी के एक फ्लैट में अपने व्यापारिक सहयोगी के साथ रहते हैं। आज सुबह असलहे से लैस दरोगा पवन मिश्रा और आशीष तिवारी अपने साथी मधुकर मिश्रा व चार अज्ञात लोगों के साथ उनके फ्लैट पर चौकीदार को बंधक बनाने के बाद पहुंचें थे। चौकीदार की आवाज पर उन्होंने दरवाजा खोला तो पुलिसकर्मियों ने उस समय उनके अलावा फ्लैट में मौजूद उनके साथी सचिन कटारे, अश्वनी पांडेय, कुलदीप यादव, जितेंद्र तोमर, अभिषेक सिंह, अभिषेक वर्मा व शुभम गुप्ता को भी असलहे के दम पर डरा धमकाकर बेड के बॉक्स में रखे कैश को बैग में भर लिया और फिर वहां से मधुकर मिश्रा व अन्य नकदी लेकर भाग निकले।
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एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि छानबीन में सामने आया है कि लूट की रकम के साथ फरार चल रहे मधुकर मिश्रा ने गोसाईंगंज में तैनात एसआइ पवन मिश्रा को बताया था कि ओमेक्स के फ्लैट भारी मात्रा में कालेधन और असलहे के साथ कुछ लोग रूके है, जिसके बाद पवन एक अन्य दरोगा आशीष तिवारी, मधुकर मिश्रा व उसके चार साथियों के साथ अंकित के फ्लैट पर पहुंचकर घटना को अंजाम दिया। दोनों दरोगाओं को निलंबित करने के साथ ही तीन नामजद समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। कैश लेकर फरार मधुकर मिश्रा व उसके साथियों की तलाश के लिए टीमें लगाई गयी हैं।
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इसके अलावा पुलिस ने मौके से एक करोड़ 53 लाख रुपए व एक पिस्टल व कारतूस भी बरामद किया है। जिसके बारे में छानबीन की जा रही है। व्यापारी अंकित का कहना है कि उसके फ्लैट में कुल तीन करोड़ 38 लाख रुपए थे। जिसमें मधुकर मिश्रा व उसके साथी एक करोड़ 85 लाख रुपए अपने साथ ले गए हैं। मामले की जांच और गिरफ्तारी के लिए एसपीआरए विक्रांत वीर और पुलिस की टीमों को लगाया गया है। शुरूआती जांच में सीसीटीवी फुटेज देखने पर ये बात स्पष्ट हुई है कि मधुकर मिश्रा बैग लेकर फ्लैट से निकला था। वहीं फ्लैट से बरामद हुए कैश के बारे में आयकर विभाग को जानकारी दे दी गयी है, जो अपने स्तर से जांच कर रही है।
सोचा कालाधन है व्यापारी नहीं करेगा शिकायत, लेकिन दांव पड़ गया उल्टा!
वहीं इस पूरे मामले को देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि मधुकर मिश्रा की मुखबिरी पर दोनों दरोगाओं ने छापा मारा था और फिर कालाधन होने की बात का उन्हें यकीन था, तीन करोड़ 38 लाख में से एक करोड़ 85 लाख रुपए जितनी बड़ी रकम ले जाने पर भी व्यापारी आयकर के डर से कहीं शिकायत नहीं करेगा। हालांकि उनकी ये सोच गलत साबित हुई और करोड़ो के लालच में डकैत बने दोनों दरोगा अब खुद ही सलाखों के पीछे पहुंच गए।
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सूत्रों की मानें तो दोनों दरोगाओं के गिरफ्तारी और मुकदमें की पटकथा इसलिए भी लिखी गयी, क्योंकि व्यापारी के संबंध भाजपा के एक बड़े नेता से निकल गए। डकैती जैसे संगीन आरोप और सत्ताधारी दल के नेता के हस्ताक्षेप के बाद तेजी दिखाते हुए राजधानी पुलिस के आलाधिकारियों ने वर्दी को दागदार करने वाली इस घटना के लिए जिम्मेदार वर्दीधारियों को सलाखों के पीछे भेजने में समय नहीं लगाया। इतना ही नहीं पकड़े गए दरोगाओं की फोटो भी लखनऊ पुलिस ने खुद ही मीडिया में भी देर शाम जारी कर दी।
36 लाख रुपए हुए बरामद!
कहा ये भी जा रहा है कि लूटे गए एक करोड़ 85 लाख रुपए में से पुलिस ने आरोपित दरोगाओं के ठिकाने से 36 लाख रुपए बरामद भी कर लिए हैं, हालांकि रात तक पुलिस की ओर से बरामदगी के संबंध में पुष्टि नहीं की गयी थी।