आरयू वेब टीम। ओडिशा पर एक बार फिर एक बड़े चक्रवाती तूफान का खतरा मंडरा रहा है। बंगाल की खाड़ी से उठा यह चक्रवाती तूफान अब धीरे-धीरे गति पकड़ने लगा है। बंगाल की खाड़ी और अंडमान के पास बना कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। आइएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि आठ मई तक चक्रवात बंगाल की खाड़ी में प्रवेश करेगा और इसके बाद इसकी रफ्तार 75 किमी/ घंटे हो सकती है। मौसम विभाग इस पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए है। इस तूफान का असर पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम, झारखंड पर पड़ सकता है।
चक्रवाती तूफान के खतरे को देखते हुए ओडिशा सरकार ने 18 जिलों में येलो अलर्ट जारी कर दिया है। मौसम विभाग (आइएमडी) की ओर से कहा गया है कि अगले 48 घंटे में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। उधर एहतियात के तौर पर ओडिशा के मलकानगिरी से मयूरभंज तक के 18 जिलों के कलेक्टरों को अलर्ट रहने को कहा गया है। एनडीआरएफ की 17 और ओडीआरएएफ की 20 टीमों के साथ ही फायर ब्रिगेड की 175 टीमों को भी हालात से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
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तीन मई को ही मौसम विभाग ने यह बता दिया था कि इस सप्ताह के अंत तक दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर एक कम दबाव वाला क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके प्रभाव के चलते छह मई के आसपास क्षेत्र में एक कम दबाव वाला क्षेत्र बन सकता है और अगले 120 घंटों के दौरान एक बड़ा चक्रवात आने की संभावना है। चार मई के लिए मछुआरों को दी अपनी चेतावनी में मौसम विभाग ने कहा था कि दक्षिण अंडमान सागर और उससे सटे दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में तेज हवाएं चलने की संभावना है।