आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बुलेट ट्रेन वाले बयान पर आज भाजपा ने पलटवार किया है। बीजेपी ने कहा कि अखिलेश यादव विधानसभा चुनावों में जनता से मिली बुरी हार को बर्दाश्त नहीं कर पाये हैं। यही कारण है कि वह अपने गृह क्षेत्र इटावा के सैफई गांव में जनता के पैसे को अनाप-शनाप ढंग से लुटाने और अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन चलाने में फर्क समझ नहीं पा रहे हैं।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. चन्द्रमोहन ने अपने एक बयान में मीडिया से कहा कि अखिलेश यादव ने यूपी में मुख्यमंत्री रहने के दौरान जनता की गाढ़ी कमाई का हजारों करोड़ रुपए सैफई महोत्सव में नाच-गाना देखने में खर्च कर दिया। पहले वह इसका हिसाब दें कि जनता के पैसे को अपनी मौज-मस्ती में लुटाना कहां तक जायज है।
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प्रदेश प्रवक्ता ने दावा किया कि मोदी और योगी सरकार बिना किसी भेदभाव के ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मूलमंत्र के साथ विकास की नई गाथा लिख रही है। विकास की यह परिभाषा वही समझ सकता है जो वास्तव में जनता से सरोकार रखता हो, लेकिन सपा नेताओं के लिए तो विकास का मतलब केवल अपनी मौजमस्ती के लिए संसाधन ही जुटाना था।
इसका जीता-जागता प्रमाण आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर बने एकमात्र गेस्टहाउस से ही लगाया जा सकता है। पूरे एक्सप्रेस-वे पर सपा सरकार ने केवल करहल में ही अखिलेश यादव और उनके परिवार के सदस्यों के ठहरने के लिए एक आलीशान गेस्ट हाउस बनाकर यही संदेश दिया गया कि उनके लिए विकास के मायने केवल समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेताओं का ही विकास है।
वहीं अखिलेश यादव की हठधर्मिता के कारण इटावा में लायन सफारी में एक दर्जन से अधिक शेर मर चुके हैं। सैफई में बिना किसी उपयोगिता के इंटरनेशनल स्वीमिंग पूल और स्टेडियम बनाकर पैसों की बर्बादी की गई है। जनता अब इनके कारनामों को जान चुकी है।
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