आरयू वेब टीम। अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ावा देने का तर्क देते हुए मोदी सरकार ने इस साल अपने कर्मचारियों को अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) के एवज में नकद वाउचर देने की घोषणा की है। इन वाउचर का इस्तेमाल सिर्फ ऐसे गैर-खाद्य सामान खरीदने के लिए किया जा सकता है जिनपर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगता है।
सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेसवार्ता में मीडिया को बताया कि कर्मचारी उन वाउचर का इस्तेमाल ऐसे उत्पाद खरीदने के लिए कर सकते हैं, जिन पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत या अधिक है।
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उन्होंने बताया कि हर चार साल में सरकार अपने कर्मचारियों को उनकी पसंद के किसी गंतव्य की यात्रा के लिए एलटीसी देती है। इसके अलावा एक एलटीसी उन्हें उनके गृह राज्य की यात्रा के लिए दिया जाता है।
सीतारमण ने आगे कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से कर्मचारियों के लिए इस साल यात्रा करना मुश्किल है। ऐसे में सरकार ने उन्हें नकद वाउचर देने का फैसला किया है। इसे 31 मार्च, 2021 तक खर्च करना होगा। एलटीसी के लिए सरकार 5,675 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
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वहीं केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों तथा बैंकों को 1,900 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि इस कदम से 19,000 करोड़ रुपये की मांग पैदा होगी। यदि आधे राज्यों ने इन निर्देश का पालन किया, तो नौ हजार करोड़ रुपये की मांग और पैदा होगी।