आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी के विधानभवन के मुख्य गेट पर देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के साथ लगाई गई वीर सावरकर की फोटो को लेकर विवाद शुरू हो गया है। मंगलवार को फोटो हटाने को लेकर कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह नें यूपी विधान परिषद के सभापति को पत्र लिखा है।
कांग्रेस नेता ने विधान भवन के गेट पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बीच लगाई गई सावरकर की तस्वीर को न सिर्फ देश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान बताया है, बल्कि विधानभवन के मुख्य गेट पर लगी इस तस्वीर को हटाकर भाजपा के संसदीय कार्यालय में स्थापित किये जाने की मांग की है।
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आज दीपक सिंह ने विधान परिषद के सभापति के नाम भेजे गए पत्र में लिखा है कि, आपकी अध्यक्षता में यूपी सरकार ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद के मरम्मत एवं सैन्दर्यीकरण कराया है। उसके लिए आभार प्रकट करता हूं। परंतु अत्यंत दुख के साथ निवेदन करता हूं कि तमाम स्वतंत्रता संग्राम सेनाननियों व जाबांजों एवं देश के लिए हसंते-हसंते फांसी के फंदे को चूम लेने वाले महापुरूषों की तस्वीरों के बीच सावरकर की तस्वीर लगाया जाना महान स्वंतत्रेता सेनानियों का अपमान है।
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साथ ही लेटर में ये भी कहा कि सावरकर ने जेल जाने के कुछ महीने बाद ही ब्रिटिश सरकार को पत्र लिखा कि ब्रिटिश सरकार मुझे माफ कर दे तो मैं भारत के स्वतंत्रता संग्राम से खुद को अलग कर लूंगा और ब्रिटिश सरकार के प्रति वफादारी निभाऊंगा। वह जेल से निकल कर अंग्रेजों से मिलकर भारतवासियों के खिलाफ अभियान चलाते रहे। ऐसे में देश की आजादी के लिए वफादारी से जान लगाकर लड़ने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के साथ सावरकर की तस्वीर लगाना आपत्तिजनक है।
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कांग्रेस एमएलसी ने आगे ये भी कहा कि सावरकर ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के खिलाफ भी अंग्रेजों से मिलकर युद्ध किया। अंग्रेजों की बांटो और राज करो की नीति में हिंदु-मुस्लिम की लड़ाई कराकर अंग्रेजों की मदद की। जिन्ना के साथ सावरकर ने भी अपने अहमदाबाद के अधिवेशन में दो राष्ट्र की बात कही। ऐसे में जिन्होंने जिन्ना की भाषा बोली हो, सुभाष चंन्द्र बोस के खिलाफ युद्ध में अग्रंजों की मद्द की हो, अंग्रेजों भारत छोड़ो अभियान का विरोध किया हो, जो अग्रंजों से वफादारी करने के नाम पर माफी मांग कर जेल से रिहा हुए और आजादी के विरूद्ध काम किया।
करोड़ों लोगों की भावनाओं को आहत होने से बचाया जा सके
कांग्रेस नेता ने सावरकर को लेकर अपना तर्क देते हुए आगे कहा है कि ऐसे राष्ट्रवादी से समझदार देश भक्त कैसे सहमत हो सकता है, इसलिए विधानभवन के मुख्य गेट पर लगी सावरकर की तस्वीर को हटाकर भाजपा के संसदीय कार्यालय में स्थापित कराने की कृपा करे, जिससे महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और यूपी के करोड़ों लोगों की भावनाओं को आहत होने से बचाया जा सके।
…विधानभवन से क्या प्रेरणा लेंगे?
साथ ही दीपक सिंह ने सवाल उठाते हुए यह भी अपने पत्र में लिखा है कि विधानभवन में तमाम आइएएस, आइपीएस व न्यायिक सेवा के अधिकारी, छात्र व पत्रकार भी ट्रेनिंग व भ्रमण के लिए आते हैं ऐसे में वह विधानभवन से क्या प्रेरणा लेंगे?