आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के महाराणा प्रताप और अकबर की तुलना करने वाले बयान पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकापा) ने कड़ी आपत्ति जताते हुए बयान की निंदा की है। साथ ही देश को गुलाम बनाने और लूटने वाले अंग्रेजों के खिलाफ मुख्यमंत्री के नहीं बोलने पर भी सवाल उठाएं हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमेश दीक्षित ने रविवार को अपने एक बयान में कहा कि इतिहास में महाराणा प्रताप का स्थान बहुत ऊंचा है और आज भी भारतवासियों के दिल में उनका सम्मान है, जो कभी नहीं मिट सकता, लेकिन हम अकबर को भी विदेशी नहीं कह सकते और न ही विधर्मी कहकर उनका अपमान कर सकते। वह समय ही ऐसा था कि अपना साम्राज्य बढाने के लिए राजाओं में संघर्ष और युद्ध हुआ करता था। पूरी दुनिया का इतिहास इस बात का गवाह है।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा एक पत्रिका के विमोचन पर जो व्याख्यान दिया गया वह अति निंदनीय है। आज उस प्रदेश के मुख्यमंत्री ऐसा अलगाववादी और नफरत भरे बयान दे रहे हैं, जिस प्रदेश के आगरा से अकबर का शासन चलता था। अकबर और उनके पिता भारत में ही जन्मे और पले-बढ़े। अकबर ने सदैव सर्वधर्म संभाव की पताका लहराई और जो भी शासन व्यवथा कायम किया वह भारतवासियों के कल्याण के लिए थी न कि किसी धर्म विशेष के लिए। सीएम को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिये कि दुनियां में यह संदेश जाए की भारत फासीवाद की ओर जा रहा है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोतांत्रिक देश है और इसे बचाये रखना हम सब का धर्म है।
प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि बादशाह अकबर देश की संपदा, संपत्ति कभी देश से बाहर नहीं ले गए और ना ही लूटा, जो बनाया यही के लिए बनाया। अकबर ने देश को बनाने का काम किया और हिन्दुस्तान की सरहद का फैलाव किया। अकबर के मंत्री टोडर मल्ल ने देश में पहली बार जमीन को अधिकारिक रूप से मापने और दस्तावेजों में दर्ज करने का काम किया।
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अकबर का गुणगान करने के साथ ही रमेश दीक्षित ने सवाल उठाते हुए कहा कि कमाल की बात है कि जिन अंग्रेजो ने देश को लूटा, यहां की संपदा बाहर ले गए उसके बारे में योगी, मोदी के अलावा उनकी सरकार में बैठे लोग क्यों कुछ नहीं कहते हैं।
आजादी की लड़ाई में संघ ने दिया था अंग्रेजों का साथ
अपने बयान में प्रदेश अध्यक्ष ने आरएसएस की बात करते हुए दावा किया कि संघ परिवार ने कभी भी अंग्रेजो के खिलाफ कुछ नहीं बोला, बल्कि आजादी की लडाई में अंग्रेजो का साथ दिया। संघ परिवार और उनसे जुड़े लोग हमेशा उन लोगों के खिलाफ आग उगलते रहें जो यहीं पैदा और यही दफन हुए। उन्होंने न सिर्फ देश को बनाने का काम किया बल्कि उनकी संतानें भी अंग्रेजों से लड़ी।
क्या जन्माष्टमी महल और दरबार में नहीं मनाई जाती थी
रमेश दीक्षित ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या मुख्यमंत्री बताएंगें कि, किसी देश के नागरिक होने के लिए कितनी पीढ़ियों का वास होना आवश्यक है। क्या अकबर के नव रत्नों में हिन्दू नहीं थे, क्या जन्माष्टमी उनके महल और दरबार में नहीं मनाई जाती थी।