राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने टीबी से ग्रस्त बच्ची को लिया गोद, ये बातें भी कही

टीबी रोग
बच्‍ची से बात करतीं राज्‍यपाल।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रविवार को राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में टीबी रोग से ग्रसित बच्ची मोहसिना (काल्पनिक नाम) को गोद लिया तथा इसी के साथ टीबी रोग से ग्रसित 21 अन्य बच्चों को राजभवन के सभी अधिकारियों ने सहयोग की दृष्टि से गोद लिया।

गोद लेने वाले अधिकारियों की यह जिम्‍मेदारी होगी कि बच्चों को सरकारी दवा सुचारू रूप से मिलती रहे तथा बच्चा नियमित रूप से दवा का प्रयोग करें और पौष्टिक आहार का सेवन करे। साथ ही राज्यपाल ने यह भी सलाह दी कि बच्चों की शिक्षा में कोई व्यवधान हो तो उसका भी निस्तारण किया जाए।

2025 तक भारत को टीबी रोग से मुक्‍त करने का लक्ष्य 

आज कार्यक्रम में बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने साल 2025 तक भारत को टीबी रोग से मुक्‍त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दृष्टि से यह तय किया गया है कि टीबी रोग से ग्रसित बच्चों को गोद लेने की पहल की राजभवन से शुरूआत की जाए। गोद लेना कोई उपकार नहीं है। जागृत समाज का फर्ज है कि समाज स्वस्थ हो। जो संपन्‍न हैं वे अपनी जरूरत के अतिरिक्त कुछ अंश समाज के लिये भी खर्च करें।

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पात्र व्यक्ति तक पहुंचे सरकारी योजना का लाभ

उन्‍होंने आगे कहा कि लोग शिक्षा, स्वास्थ्य, सरकारी योजना की जानकारी के अभाव के कारण लाभ नहीं उठा पाते। यह सबकी जिम्मेदारी है कि सरकारी योजना का लाभ पात्र व्यक्ति तक पहुंचे। इस दौरान राज्यपाल ने स्वेच्छा से बच्चों को गोद लेने वाले अधिकारियों की सराहना भी की। वहीं आनंदीबेन पटेल ने अपने गुजरात और मध्य प्रदेश के अनुभव साझा करते हुए बताया कि ऐसे प्रयास से रोग ग्रस्त बच्चे कम समय में ही स्वस्थ हो गये और इससे प्रेरणा लेकर समाज के लोगों ने ज्यादा से ज्यादा बच्चें गोद लिए।

बच्चों को खाद्य सामग्री और फल किये गए वितरित 

इस दौरान राज्यपाल ने राजभवन आये सभी बच्चों को पोषणयुक्‍त खाद्य सामग्री और फल वितरित किये। यह सभी बच्चें राजभवन के नजदीकी क्षेत्र के रहने वाले हैं। इस अवसर पर राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव हेमन्त राव, विशेष सचिव डॉ. अशोक चन्द्र, जिला क्षय रोग निवारण अधिकारी डॉ. पी.के गुप्ता सहित राजभवन के अधिकारीगण उपस्थित थे।

कार्यक्रम में जिला क्षय रोग निवारण अधिकारी डॉ. पी.के गुप्ता ने बताया कि जनपद लखनऊ में टीबी रोग के 14,600 मरीज चिन्हित किए गये हैं जिन्हें दवाई और पौष्टिक आहार के लिये रूपये 500 का भत्ता सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जा रहा है।

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