आरयू वेब टीम। सशस्त्र बल अपने आप को राजनीति से दूर रखते हैं और सरकार के निर्देशों के अनुरूप काम करते हैं। सीडीएस के तौर पर लक्ष्य तीनों सेवाओं के बीच समन्वय और एक टीम की तरह काम करने पर ध्यान केंद्रित होगा। ‘‘मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि थल सेना, नौ सेना और वायु सेना एक टीम के तौर पर काम करेंगी। सीडीएस उन पर नियंत्रण रखेगा, लेकिन सम्मिलित काम के जरिए कार्रवाई की जाएगी।
उक्त बातें बुधवार को पूर्व सेना प्रमुख बिपिन रावत ने पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद कही। उन्होंने कहा कि उनका कार्य तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बनाना है। सेना का राजनीतिकरण किए जाने संबंधी आरोपों और सीडीएस के सृजन पर कांग्रेस द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने आप को राजनीति से दूर रखते हैं। हम मौजूदा सरकार के निर्देशों के अनुसार काम करते हैं।’’
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इस दौरान सीडीएस रावत ने कहा कि उनका कार्य सशस्त्र बलों के विभिन्न विंगों के बीच तालमेल बनाना है। साथ ही उनका ध्यान तीन सेवाओं के लिए आवंटित संसाधनों के सर्वोत्तम और इष्टतम उपयोग को सुनिश्चित करना होगा।
बता दें कि जनरल रावत सेना प्रमुख पद से रिटायर हो गए हैं, जिसके बाद उन्हें देश का पहला सीडीएस नियुक्त किया था। वह मार्च 2022 तक इस पद पर अपनी सेवाएं देते रहेंगे। तीनों सेनाओं के बीच बेहतरीन समन्वय के लिए सीडीएस की नियुक्ति हुई है। कारगिल युद्ध के बाद इस पद की मांग उठी थी।
सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पिछले हफ्ते एक ऐतिहासिक फैसले में, सीडीएस के निर्माण को मंजूरी दे दी थी, जो त्रि-सेवाओं से संबंधित सभी मामलों पर रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करेगा। सीडीएस के लिए सिफारिश कारगिल युद्ध के बाद पहली बार की गई थी। इस दौरान यह तर्क दिया गया था कि यह पद तीन सेनाओं- सेना, नौ सेना और वायु सेना के बीच बेहतर समन्वय बनाएगा।