मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ रहे तेज बहादुर का नामांकन रद्द, कहा जाएंगे सुप्रीम कोर्ट, समर्थकों ने किया प्रदर्शन

वाराणसी
मीडिया से बात करते तेज बहादुर।

आरयू ब्‍यूरो, 

वाराणसी। पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करने वाले बीएसएफ के बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर यादव के साथ ही गठबंधन को आज बड़ा झटका लगा है। निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी किए गए नोटिसों का जवाब देने बुधवार पूर्वान्‍ह 11 बजे तेज बहादुर यादव अपने वकील के साथ आरओ से मिलने पहुंचे, जिसके बाद निर्वाचन अधिकारी ने तेज बहादुर के नामांकन पत्र को खारिज कर दिया।

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वहीं निर्वायचन आयोग की कार्रवाई पर तेज बहादुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नामांकन को गलत तरीके से रद्द कर दिया गया है। बहादुर ने आरोप लगाया कि चुनाव अधिकारी सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा जब से समाजवादी पार्टी ने उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपना प्रत्याशी बनाया है तब से भाजपा नेताओं की चिंता बढ़ गई है। वहीं दो शपथ पत्रों में अलग-अलग सूचना पर पूछे गए सवाल के जवाब में तेज बहादुर ने बताया कि यह उनके फॉर्म मे कोई कमी होती तो चुनाव अधिकारी को उसी वक्त बताना चाहिए।

…चुनाव लड़ने से जा रहा है रोका

उन्‍होंने आगे कहा कि जिस डॉक्‍यूमेंट की कमी थी होती उसे पूरा किया जाता, लेकिन मंगलवार को शाम तीन बजे उन्हें चुनाव अधिकारी ने नोटिस भेजा और बुधवार सुबह 11 बजे तक केंद्रीय निर्वाचन कार्यलय से प्रमाणित दस्तावेज लाने के लिए कहा था। तेज बहादुर का आरोप है ऐसा उन्हें परेशान करने और चुनाव लड़ने से रोकने के लिए किया जा रहा है। मैंने सारे सबूत दिए थे। मगर तानाशाही तरीके से मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया है। हमने साक्ष्य तैयार कर लिए फिर भी मेरा नामांकन खारिज किया गया। मैं चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा।

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इस दौरान नामांकन पत्र के नोटिस के जवाब देने के दौरान तेज बहादुर के समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर नोकझोंक हुई, जिसके बाद पुलिस ने समर्थकों को कचहरी परिसर से बाहर कर दिया। तेज बहादुर के समर्थकों ने डीएम पोर्टिको को घेरकर जमकर प्रदर्शन किया। उनकी मांग थी कि तेज बहादुर का नामांकन रद्द न किया जाए।

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इस दौरान तेज बहादुर के समर्थकों ने सेना की वर्दी और तिरंगा लेकर नारेबाजी की और साजिश के तहत तेज बहादुर के पर्चा निरस्त करने के षड्यंत्र का आरोप भी बीजेपी सरकार और निर्वाचन अधिकारियों पर लगाया। इस मौके पर रिटायर्ड फौजी पंकज मिश्रा ने चेतवानी दी कि तेज बहादुर का पर्चा रद्द होने पर वे अनवरत धरना देंगे और उनका साथ देने देशभर से सेना के जवान यहां आएंगे।

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ये था पूरा मामला

दरअसल सपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव की उम्मीदवारी पर उस समय संशय के बादल मंडराने लगे थे जब, उन्होंने अपने हलफनामे में दो अलग-अलग जानकारी दी थी। नामांकन के दौरान एक हलफनामा तेज बहादुर ने निर्दलीय के रूप में भरा था, जबकि दूसरा सपा उम्मीदवार के रूप में दाखिल किया है। उसमें उन्होंने अपने हलफनामे में सेना से बर्खास्तगी की बात कही थी, लेकिन समाजवादी पार्टी की तरफ से जब उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया तो शायद ये त इस तथ्य को छुपा लिया। नामांकन पत्र जांच के दौरान वाराणसी के रिटर्निंग अफसर को जब इस तथ्य की जानकारी मिली तो उन्होंने नोटिस भेजकर उनसे इसका जवाब मांगा था।

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