कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने थामा भाजपा का दामन, पीयूष गोयल ने दिलाई सदस्यता

जितिन प्रसाद
जितिन प्रसाद का भाजपा में स्वागत करते पीयूष गोयल।

आरयू वेब टीम। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। दिल्ली में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इससे पहले जितिन प्रसाद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।

वहीं बीजेपी में शामिल होने के बाद जितिन प्रसाद ने कहा, मेरे राजनीतिक जीवन का नया अध्याय शुरू हो रहा है। मेरा कांग्रेस पार्टी से तीन पीढ़ियों का साथ रहा है। बहुत विचार और मंथन के बाद मैं इस फैसले पर पहुंचा हूं। सवाल ये नहीं है कि कि मैं किस दल को छोड़कर आया हूं। ये महत्वपूर्ण है कि मैं किस पार्टी में जा रहा हूं।

उन्होंने कहा कि देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है वैसे में कोई दल और नेता मजबूती के साथ खड़ा है तो वो भाजपा और पीएम मोदी हैं। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि देश के प्रति प्रधानमंत्री की भावना क्या है, जो नया भारत निर्माण हो रहा है उसमें मैं भी छोटा सा योगदान देने जा रहा हूं।

जितिन प्रसाद ने कहा कि जिस दल में मैं था, मुझे महसूस होने लगा कि था कि अगर मैं अपने लोगों के लिए काम नहीं कर पा रहा हूं तो मेरे वहां होने का क्या फायदा है, मैं ज्यादा बोलना नहीं चाहता। मैं नहीं मेरा काम बोलेगा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस के उन नेताओं का धन्यवाद करता हूं, जिनका सहयोग मुझे मिला।

गौरतलब है कि जितिन प्रसाद, कांग्रेस के दिग्गज नेता जितेंद्र प्रसाद के बेटे हैं। जितेंद्र प्रसाद दो प्रधानमंत्रियों (राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हाराव) के राजनीतिक सलाहकार रह चुके थे। वो यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। 2000 में जितेंद्र प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव सोनिया गांधी के खिलाफ लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे। 2001 में जितेंद्र प्रसाद का निधन हो गया। इसके बाद पिता जितेंद्र प्रसाद की राजनीतिक विरासत को जितिन प्रसाद ने संभाला। 2001 में वह इंडियन यूथ कांग्रेस से जुड़ गए। 2004 में जितिन प्रसाद शाहजहांपुर सीट से जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे। यूपीए-1 की सरकार में जितिन प्रसाद को केंद्रीय मंत्री बना दिया गया। वह मंत्री बनने वाले सबसे युवा चेहरों में से एक थे।

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2009 में जितिन प्रसाद, धौरहरा लोकसभा सीट से लड़े और जीते। यूपीए-2 में जितिन प्रसाद को पेट्रोलियम और सड़क-परिवहन जैसे अहम मंत्रालय की बतौर राज्य मंत्री जिम्मेदारी मिली थी। 2014 का चुनाव जितिन प्रसाद हार गए। 2017 में तिलहर विधानसभा से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। 2019 में धौरहरा से फिर लोकसभा चुनाव लड़े और फिर हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद से ही जितिन प्रसाद के राजनीतिक सितारे गर्दिश में चले गए।

जितिन राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के करीबी रहे हैं, हालांकि जब से यूपी कांग्रेस की कमान प्रियंका गांधी के हाथ में गई है और यूपी प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार उर्फ लल्लू बनाए गए हैं तब से जितिन प्रसाद को यूपी कांग्रेस में तवज्जो नहीं मिल रहा था। जिसको लेकर कई बार खुले मंच पर वह अपनी नाराजगी जाहिर भी कर चुके हैं।