GST की सालगिरह पर मोदी ने कहा कि दूध और मर्सिडीज पर नहीं लग सकता समान कर

दूध और मर्सिडीज
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। 

जीएसटी को देश में लागू हुए एक साल हो गया है। इसकी सालगिरह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके फायदे गिनाते हुए जीएसटी के तहत सभी वस्तुओं पर एक ही रेट से टैक्स लगाने को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि मर्सिडीज कार और दूध पर एक ही दर से टैक्स नहीं लगाया जा सकता।

मोदी ने कहा कि जीएसटी के तहत सभी वस्तुओं पर 18 प्रतिशत की एक समान रेट से टैक्स लगाने की कांग्रेस पार्टी की मांग को अगर मान लिया जाता है तो इससे अनाज और कई जरूरी वस्तुओं पर टैक्स बढ़ जाएगा। उन्‍होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के एक साल के भीतर ही अप्रत्यक्ष करदाताओं का आधार 70 प्रतिशत तक बढ़ गया।

मोदी ने कहा कि सभी उत्पादों को एक स्लैब में रखना संभव नहीं है। सवालिया लहजे में उन्‍होंने पूछा कि क्या हम दूध और मर्सिडीज पर समान टैक्स लगा सकते हैं। वहीं विपक्ष पर हमला बोलने के साथ ही कर नीति के फायदों को गिनाते हुए मोदी ने कहा कि जीएसटी कोई जटिल नीति नहीं है जैसा कि आलोचक दावा कर रहे हैं।

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उन्‍होंने कहा कि पिछले एक साल में 48 लाख नए उद्योगों का पंजीकरण हुआ है और 11 करोड़ रिटर्न फाइल हुए हैं। रसद उद्योग पर पड़े जीएसटी के सकारात्मक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे राज्य की सीमाओं पर चेक पोस्ट्स खत्म हो गई हैं। जिसके कारण उससे समय, संसाधन और पैसा बचता है और इस प्रकार देश की उत्पादकता में सुधार हुआ है। जीएसटी समय के साथ बेहतर होने वाला सिस्टम है।

इसमें राज्य सरकारों, व्यापार जगत के लोगों और संबंधित पक्षों से मिली जानकारी और अनुभवों के आधार पर इसमें लगातार सुधार किया गया है। जीएसटी में केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवाकर, राज्यों में लगने वाले वैट और अन्य करों को समाहित किया गया है। इसका मकसद इंस्पेक्टर राज को समाप्त करते हुए अप्रत्यक्ष करों को आसान बनाना है।

एक साक्षात्‍कार में पीएम ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इसलिए कांग्रेस के हमारे मित्र जब यह कहते हैं कि हमारे पास जीएसटी की केवल एक दर होनी चाहिए तो उनके कहने का मतलब है कि वह खाने-पीने की चीजों और दूसरी उपभोक्ता वस्तुओं पर 18 फीसदी की दर से कर लगाना चाहते हैं, जबकि वर्तमान में इन उत्पादों पर शून्य अथवा 5 प्रतिशत की दर से कर लगाया जा रहा है। इस दौरान उन्‍होंने कहा कि आजादी के बाद से जहां 66 लाख अप्रत्यक्ष टैक्स पेयर्स ही रजिस्टर्ड थे। वहीं एक जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद इन करदाताओं की संख्या में 48 लाख नए उद्यमियों का रजिस्ट्रेशन हुआ है।

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