लखीमपुर हिंसा में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र के बेटे को राहत नहीं, जमानत याचिका खारिज

लखनऊ हाई कोर्ट

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को उपद्रव के बाद हिंसा में चार किसान सहित आठ लोगों की मौत के मामले में मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा को फिलहाल छह जनवरी तक राहत नहीं मिलेगी। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा की जमानत पर शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई के बाद कोर्ट ने सरकार को छह जनवरी तक प्रति शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। जमानत याचिका पर सुनवाई न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की एकल पीठ ने की है।

लखनऊ खंड पीठ में न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पंवार ने मंत्री के बेटे आशीष को जमानत के लिए तारीख दी है। फिलहाल छह जनवरी तक इस केस में अब कोई सुनवाई नहीं होगी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे और लखीमपुर हिंसा मामले में मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज हो गई। लखनऊ बेंच में जमानत याचिका पर सुनवाई में उसे राहत नहीं मिली।

जमानत याचिका पर 29 नवंबर को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को 10 दिनों में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था। उसकी जमानत इसके पूर्व सत्र अदालत से खारिज हो चुकी है। जिसके बाद उसने हाईकोर्ट की शरण ली है। आरोपी आशीष मिश्र ने चार अक्टूबर को कोर्ट में सरेंडर किया था।

तिकुनिया हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। मामले में आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ हत्या समेत संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। हिंसा की जांच के लिए गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मामले में 12 अन्य आरोपितों की पहचान की थी। बाद में उन्हें गिरफ्तार किया था। आशीष मिश्र उर्फ मोनू समेत 13 आरोपी अभी न्यायिक हिरासत में हैं।

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मालूम हो कि लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में तीन अक्टूबर को चार किसानों को कार द्वारा उस समय कुचल दिया गया था, जब वो एक कार्यक्रम में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर लौट रहे थे। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी मौजूद थे।

किसानों का आरोप है कि एसयूवी अजय मिश्र टेनी की थी। उसमें उनका बेटा आशीष मिश्र था। आशीष मिश्र को गिरफ्तार कर लिया गया है। किसान अब केंद्रीय मंत्री को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि वो भी इस मामले में आरोपित हैं।

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