जश्‍न–ए-गणतंत्र: राजपथ पर दिखी भारत के ताकत और साहस की झलक

68 republic day

आरयू ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली। देश के 68 वें गणतंत्र दिवस को आज भारत में जोश और उल्‍लास के साथ मनाया गया। दिल्‍ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में भारत की सैन्य शक्ति को देश के सामने रखने के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में उसकी उपलब्धियों और उसकी विविधतापूर्ण संस्कृति को भी प्रदर्शित किया गया।

अबु धाबी के शहजादे मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि थे। सुबह 10 बजे राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने तिरंगा फहराकर कार्यक्रम की शुरुआत की।

लगभग 90 मिनट चले परेड कार्यक्रम में सबसे खास बात यह थी कि पहली बार इसमे एनएसजी कमांडो को शामिल किया गया जिसने सबका ध्‍यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया।

संयुक्‍त अरब अमिरात (यूएई) से आये बैंड ने भी परेड में भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान हवलदार हंगपन दादा को (मरनोपरांत) अशोक चक्र से सम्‍मानित किया गया। राष्‍ट्रपति से उनकी पत्‍नी चासन लोवांग दादा ने पदक ग्रहण किया। विंग कमांडर रमेश कुमार दूबे के नेतृत्व में परेड की शुरुआत हुई।

चार एमआई-17 हेलिकॉप्टर के द्वारा आकाश से पुष्प वर्षा की गयी। इनमें से एक हेलिकॉप्टर तिरंगा लगा था उसके पीछे तीनों सेना के झंडों के साथ हेलीकॉप्‍टर उड़ान भर रहे थे।

परेड कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज नरवाने और उनके नायब मेजर जनरल राजेश सहाय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर-भारत के राष्ट्रपति के प्रति सम्मान प्रकट किया। परमवीर चक्र और अशोक चक्र से सम्मानित सैनिकों ने भी परेड कमांडर का अनुशरण किया।

यूएई के सैनिकों की एक टुकड़ी के साथ उसका संगीत बैंड परेड की अगुवाई कर रहा है। परेड का सबसे बड़ा आकर्षण भारत के एकमात्र कैवेलरी का अपने प्रतापी घोड़ों के साथ मार्च रहा था। परेड में रक्षाकर्मियों का जबरदस्‍त साहस से भरा मोटरबाइक स्टंट भी शामिल था।

परेड के बड़े आकर्षण में से एक एमआई-35 हेलिकॉप्टर, स्वदेशी हल्के लडाकू विमान तेजस, जगुआर और सुखोई का सलामी उड़ान था।

सेना अपने टैंक टी-90 और इन्फैन्टरी कॉम्बैट व्हीकल और ब्रह्मोस मिसाइल, हथियार का स्थान बताने वाले रडार स्वाति, ढुलाई करने लायक उपग्रह टर्मिनल और आकाश हथियार प्रणाली को भी दर्शाया। एक और आकर्षण धनुष तोप प्रणाली थी।

इसके बाद एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर रुद्र सलामी उड़ान भरी। गणतंत्र दिवस परेड में मेकैनाइज्ड इन्फैन्टरी रेजीमेंट, सिख रेजीमेंटल सेंटर, मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप, इन्फैन्टरी, बटालियन (क्षेत्रीय सेना) बिहार रेजीमेंट, गोरखा ट्रेनिंग सेंटर और पंजाब रेजीमेंटल सेंटर, सिख लाइट इन्फैन्टरी के संयुक्त बैंड ने काफी तलियां बटोरी। इस गौरवशाली पल के दौरान बड़ी संख्‍या में भारतीय जनता भी मौजूद रही।