कैलाश मानसरोवर: पहाड़ियों में फंसे 1500 भारतीय तीर्थयात्री, सुषमा ने मांगी नेपाल से मदद

कैलाश मानसरोवर
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। 

खराब मौसम के कारण कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर निकले 1500 से अधिक भारतीय तीर्थयात्री तिब्बत के पास नेपाल के पहाड़ी इलाके में फंसे हुए हैं। इन तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए भारत ने नेपाल से मदद मांगी है। इस संबंध में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को सोशल मीडिया के माध्‍यम से बताया।

उन्‍होंने अपने ट्वीट में कहा कि करीब 525 तीर्थयात्री सिमिकोट में, 550 तीर्थयात्री हिलसा में और करीब 500 तीर्थयात्री तिब्बत के पास फंसे हुए हैं। भारत ने नेपाल सरकार से वहां फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए सेना का हेलीकाप्टर देने का आग्रह किया है। साथ ही सुषमा स्वराज ने अपने ट्वीट में कहा कि भारत ने तीर्थ यात्रियों एवं उनके परिवारों के लिए हॉटलाइन स्थापित की है और उन्हें तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम भाषा में सूचनाएं प्रदान की जाएगी।

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सुषमा ने ट्वीट कर दी जारी किए गए हॉटलाइन नंबर की जानकारी –

विदेश मंत्री ने कहा कि नेपाल स्थित भारतीय दूतावास ने नेपालगंज एवं सिमिकोट में प्रतिनिधि तैनात किए हैं। वे तीर्थयात्रियों के सम्पर्क में है और उन्हें भोजन एवं आवास मुहैया करा रहे हैं। सुषमा ने कहा कि सिमिकोट में बुजुर्ग तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य जांच की गई है और सभी तरह की चिकित्सा मदद भी उपलब्ध करायी जा रही है।

बता दें कि चीन के तिब्बत स्वायत्त इलाके में स्थित कैलाश मानसरोवर हिन्दुओं, बौद्ध एवं जैन धर्म के लोगों के लिए पवित्र स्थान माना जाता है और हर वर्ष सैकड़ों की संख्या में तीर्थयात्री वहां जाते हैं।

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