लाल किले से बोले पीएम, मक्खन नहीं हम पत्थर पर लकीर खींचने वाले लोग हैं, जानें खास बातें

मोदी ने लाल किले
लाल किले की प्राचीर से बोलते प्रधानमंत्री।

आरयू संवाददाता, 

नई दिल्‍ली। देश के 72 वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया। प्रधानमंत्री ने सुबह साढ़े सात बजे ध्‍वजारोहण करने के बाद देशवासियों को स्‍वतंत्रता दिवस की बधाई दी।

मोदी ने 8 बजकर 54 मिनट पर अपना भाषण समाप्‍त किया। इस बार प्रधानमंत्री ने 82 मिनट का भाषण दिया। जानें प्रधानमंत्री के आज के भाषण की कुछ खास बातें-

– जम्मू-कश्मीर के लिए अटल जी का आह्वान था- इंसानियत, कश्मीरियत, जम्हूरियत। मैंने भी कहा है, जम्मू-कश्मीर की हर समस्या का समाधान गले लगाकर ही किया जा सकता है। हमारी सरकार जम्मू-कश्मीर के सभी क्षेत्रों और सभी वर्गों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

– जम्मू कश्मीर में लोकतांत्रिक इकाइयों को और मजबूत करने के लिए लंबे समय से टल रहे पंचायत और निकाय चुनाव भी जल्द कराये जाने की तैयारी चल रही है।

– मैं बेसब्र हूं, क्योंकि जो देश हमसे आगे निकल चुके हैं, हमें उनसे भी आगे जाना है। मैं बेचैन हूं, हमारे बच्चों के विकास में बाधा बने कुपोषण से देश को मुक्‍त कराने के लिए। मैं व्याकुल हूं, देश के हर गरीब तक समुचित हेल्थ कवर पहुंचाने के लिए ताकि वो बीमारी से लड़ सके।

– मैं व्यग्र हूं, अपने नागरिकों की क्वालिटी ऑफ लाइफ को सुधारने के लिए। मैं अधीर हूं, क्योंकि हमें ज्ञान-आधारित चौथी औद्योगिक क्रांति की अगुवाई करनी है। मैं आतुर हूं, क्योंकि मैं चाहता हूं कि देश अपनी क्षमताओं और संसाधनों का पूरा लाभ उठाए।

– मक्खन पर लकीर नहीं हम पत्थर पर लकीर खींचने वाले लोग हैं। पत्थर पर लकीर करने के लिए पसीना बहाना पड़ता है। कड़े फैसले लेने से नहीं हिचकते।

– हर भारतीय इंटरनेट की दुनिया से जुड़ सके।

– हर भारतीय के घर में शौचालय हो।

– हर भारतीय अपने मनचाहे क्षेत्र में कुशलता हासिल कर सके।

– हर भारतीय को अच्छी औऱ सस्ती स्वास्थ्य सेवा सुलभ हो।

– हर भारतीय को बीमा का सुरक्षा कवच मिले।

– हर भारतीय के पास अपना घर हो।

– हर भारतीय के घर में बिजली कनेक्शन हो।

– हर भारतीय की रसोई धुआं मुक्त हो।

– हर भारतीय के घर में जरूरत के मुताबिक जल पहुंचे।

– खेत से लेकर खेल के मैदान तक, सरपंच से लेकर सांसद तक हमारे देश की महिलाएं देश के तिरंगे को बुलंद कर रही हैं।

– शॉर्ट सर्विस कमिशन में अब महिलाओं की स्थाई रूप से एंट्री मिलेगी। पहले ये लाभ सिर्फ पुरुषों को ही मिलता था।

– 2013 तक डायरेक्ट टैक्स देने वालों की संख्या सिर्फ चार करोड़ थी, लेकिन अब ये संख्या पौने सात करोड़ हो गई है। मैं टैक्स दाताओं को विश्वास दिलाता हूं कि आप टैक्स के पैसों से गरीब को फायदा पहुंचा जा रहा है, करीब तीन गरीब परिवार हर एक करदाता के कर से खाना खाता है।

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– भारत सरकार की हेल्थ केयर पहल का 50 करोड़ भारतीयों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

– छह करोड़ लोग ऐसे थे, जो पैदा ही नहीं हुए और उनके नाम पर सरकारी योजनाओं का लाभ जा रहा था।

– देश में आज भी महिला शक्तियों को चुनौतियां देने वाली राक्षसी प्रवृति की मानसिकता वाले लोग गलत काम कर रहे हैं, बलात्कार काफी पीड़ा दायक है। समाज को इससे मुक्त कराना होगा, पिछले दिनों मध्य प्रदेश में बलात्कार के आरोपी को पांच दिन में फांसी की सजा दी गई। इन खबरों को हमें फैलाना चाहिए ताकि ऐसी राक्षसी प्रवृत्ति वालों को फांसी का डर हो।

– तीन तलाक की कुरीतियों ने हमारे देश की मुस्लिम बहनों को काफी परेशान किया है, हमने इस सत्र में इसको लेकर संसद में बिल लाने का काम किया लेकिन कुछ लोग अभी इसे पास नहीं होने दे रहे हैं।

– अगर योजनाओं से किसी को पुण्य मिलता है तो सरकार को नहीं बल्कि ईमानदार करदाताओं को मिलता है।

– स्वच्छ भारत मिशन के कारण लाखों बच्चे स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। यहां तक कि डब्लूएचओ ने भी आंदोलन की सराहना की है। महात्मा गांधी ने सत्याग्रहियों के साथ आजादी के लिए नेतृत्व किया। आज स्वच्छाग्रहियों को एक स्वच्छ भारत सुनिश्चित करना है।

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– 25 सितंबर को, पंडित दीन दयाल की जयंती पर, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना शुरू कर दिया जाएगा। हम सुनिश्चित करते हैं कि भारत के गरीबों की अच्छी गुणवत्ता और किफायती स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच प्राप्त हो।

– उज्ज्वला और सौभाग्य योजना जैसी पहल भारतीयों की गरिमा को बढ़ा रही है।

– ‘बीज से बाजार तक’ दृष्टिकोण के साथ, हम कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय बदलाव ला रहे हैं। 2022 तक किसान की आय को दोगुनी करनी है।

– न्यूनतम समर्थन मूल्य को ही देख लीजिए। राजनीतिक दल मांग कर रहे थे कि किसानों को लागत का डेढ़ गुना एमएसपी मिलना चाहिए। लेकिन हमने फैसला लिया कि किसानों को डेढ़ गुना एमएसपी दिया जाएगा। जीएसटी भी हर कोई चाहता था, लेकिन निर्णय नहीं हो पाते थे। राजनीति-चुनाव का दबाव रहता था।

– बैंकरप्सी कानून के लिए किसने रोका था? बेनामी संपत्ति का कानून पहले क्यों नहीं बना था? हम हिम्मत से फैसले लेते हैं। हम दल हित में नहीं, देश हित में फैसले करते है।

– 2014 से पहले दुनिया की गणमान्य संस्थाएं और अर्थशास्त्री कभी हमारे देश के लिए क्या कहा करते थे, वो भी एक जमाना था कि हिंदुस्तानी की इकॉनोमी बड़ी रिस्क से भरी है वही लोग आज हमारे रिफॉर्म की तारीफ कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि दुनिया में हमारी साख और धाक हो।

– जब हौसले बुलंद होते हैं, देश के लिए कुछ करने का इरादा होता है तो बेनामी संपत्ति का कानून भी लागू होता है।

– हम कड़े फैसले लेने का सामर्थ्य रखते हैं क्योंकि देशहित हमारे लिए सर्वोपरी है।

– देश की अपेक्षाएं और आवश्यकताएं बहुत हैं, उसे पूरा करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को निरंतर प्रयास करना है।

– जिस रफ्तार से 2013 में गैस कनेक्शन दिया जा रहा था, अगर वही पुरानी रफ्तार होती तो देश के हर घर में सालों तक भी गैस कनेक्शन नहीं पहुंच पाता।

-जिस रफ्तार से 2013 में गांवों तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाने का काम चल रहा था, उस रफ्तार से देश के हर गांव को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने में कई पीढ़ियां गुजर जातीं।

– 2014 से अब तक मैं अनुभव कर रहा हूं कि सवा सौ करोड़ देशवासी सिर्फ सरकार बनाकर रुके नहीं। वो देश बनाने में जुटे हैं।

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– गरीबों को न्याय मिले, हर किसी को उसकी इच्छा और आकांक्षाओं के हिसाब से आगे बढ़ने का अवसर मिले।

– 2014 में लोगों ने सिर्फ नई सरकार नहीं बनाई है, जबकि उन्होंने देश को बनाने के लिए काम किया है। आज देश में 125 करोड़ हिंदुस्तानी नया देश बनाने में जुटे हैं। पीएम बोले कि हमें ये देखना होगा कि हम कहां से चले थे और कहां पर पहुंचे थे ये हमें देखना होगा। अगर हम 2013 को इसका आधार मानें और अगर 2014 के बाद से देश की रफ्तार देखें तो आपको हैरानी होगी।

– आज देश में शौचालय बनाने, गांव में बिजली पहुंचाने, गरीबों को एलपीजी गैस कनेक्शन देने की रफ्तार सबसे तेज हुई है। अगर 2013 की रफ्तार से चलते तो ऐसा करने में दशकों लग जाते।

– महान तमिल कवि, दीर्घदृष्टा और आशावादी सुब्रामणियम भारती ने लिखा था कि भारत न सिर्फ एक महान राष्ट्र के रूप में उभरेगा बल्कि दूसरों को भी प्रेरणा देगा। उन्होंने कहा था- भारत पूरी दुनिया को हर तरह के बंधनों से मुक्ति पाने का रास्ता दिखाएगा।

– अगले वर्ष बैसाखी पर जलियांवाला बाग नरसंहार के 100 वर्ष होने जा रहे हैं। मैं इस नरसंहार में शहीद हुए हर देशवासी को याद करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि देता हूं।

– देश आज नई ऊंचाईयों को पार कर रहा है। आज का सूर्योदय नए उत्साह को लेकर कर आया है। हमारे देश में 12 साल में एक बार नीलकुरिंज का पुष्प उगता है, इस साल ये पुष्प तिरंगे के अशोक चक्र की तरह खिल रहा है।

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– आज देश के कई राज्यों की बेटियों ने सात समंदर को पार किया और सभी को तिरंगे से रंग दिया। उन्होंने कहा कि आज हम आजादी का पर्व उस समय मना रहे हैं, जब आदिवासी बच्चों ने एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया है।

– अभी-अभी संसद के दोनों सदनों के सत्र खत्म हुए हैं। हमारी कोशिश है कि सदन से हमने देश में सामाजिक व्यवस्था के न्याय को आगे बढ़ाने का काम किया है। ओबीसी आयोग को हमने संवैधानिक दर्जा देकर उन्हें बराबरी का हक दिया है। हर भारतीय इस बात का गर्व कर रहा है आज हम दुनिया की छठीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। देश की आजादी के लिए कई महापुरुषों ने अपनी जान दी है, मैं उन सभी को नमन करता हूं।

– आज देश में कई जगह अच्छी बारिश हो रही है, लेकिन कई जगह बाढ़ के हालात हैं। जहां पर भी मुसीबत है वहां सरकार सहायता कर रही है।

– आज मेरा सौभाग्य है कि इस पावन अवसर पर मुझे देश को एक और खुशखबरी देने का अवसर मिला है। साल 2022, यानि आजादी के 75वें वर्ष में और संभव हुआ तो उससे पहले ही, भारत अंतरिक्ष में तिरंगा लेकर जा रहा है।

– 13 करोड़ मुद्रा लोन, उसमें भी 4 करोड़ लोगों ने पहली बार लोन लिया है, ये अपने आप में बदले हुए हिन्दुस्तान की गवाही देता है।

– एक समय था जब नॉर्थ ईस्ट को लगता था कि दिल्ली बहुत दूर है, आज हमने दिल्ली को नॉर्थ ईस्ट के दरवाजे पर लाकर खड़ा कर दिया है। नॉर्थ-ईस्ट आजकल उन खबरों को लेकर आ रहा है जो देश को प्रेरणा दे रहा है।

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले लाल किले के प्राचीर से पीएम मोदी के मौजूदा कार्यकाल का यह आखिरी भाषण था। सबसे लंबा भाषण उन्होंने 2016 में दिया था, जो 94 मिनट का था। वहीं सबसे छोटे भाषण की बात की जाए तो उन्‍होंने 2017 में दिया था जो मात्र 57 मिनट का था। इसके अलावा पीएम ने 2014 में मोदी ने 65 जबकि 2015 में 86 मिनट का भाषण दिया था।

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