आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल ने आज अपने बयान में मोदी के साथ ही योगी सरकार पर जमकर निशाना साधना है। साथ ही कई आरोप भी लगाए हैं। रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए केन्द्र और योगी सरकार किसानों को एक बार फिर लुभाने की कोशिश में जुट गई है। इनके झूठ और छलावे में अब किसान नहीं आने वाला है।
उन्होंने कहा कि साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव प्रचार के माध्यमों द्वारा किसानों, गरीबों बेरोजगारों और आम लोगों को सुविधाएं देने का वादा किया था, लेकिन मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल और प्रदेश सरकार के लगभग डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में इन्हीं वर्गो का उत्पीड़न किया गया।
प्रदेश अध्यक्ष ने हमला जारी रखते हुए कहा कि बीजेपी ने किसानों को लागत मूल्य का डेढ गुना देने का वादा किया था, मगर उन्हें अपनी फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिला। ऋण माफी के नाम पर दो-दो रूपये के चेक देकर किसानों को अपमानित किया गया। डॉ. अहमद ने आगे कहा कि मजदूरों को नोटबंदी के बाद दो जून की रोटी के लिए तरसना पड़ा, क्योंकि हजारों कारखाने बंद हो गए, जिससे मजदूर बेरोजगार हो गए।
वादा दो करोड़ नौकरी का, दो लाख भी नहीं दे पाए
भाजपा का वादा याद दिलाते हुए आज प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सत्ताधारी दल ने दो करोड़ नौकरियां हर साल देने का वादा किया था, लेकिन सरकार दो लाख नौकरियां भी नहीं दे पाई। भाजपा सरकार के कार्यकाल में आम जनता मंहगाई से इतनी त्रस्त हो गई कि उसके लिए अपना परिवार चलाना भी मुश्किल रहा है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी 2014 चुनाव से पहले अपने भाषणों में कहा करते थे कि पेट्रोल 35 रूपये लीटर चाहिए या 80 रूपये लीटर। जनता ने 35 रूपये लीटर पाने की आशा में वोट देकर 80 रूपये लीटर की खरीद करती रही। बिजली केे दाम प्रदेश में कई बार बढ़ाया गया, जिसमें अनमीटर्ड ग्रामवासी और शहरी उपभोक्ता चपेट में आए।
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