दूसरे कार्यकाल की पहली ‘मन की बात’ में बोले PM मोदी, जन भागीदारी से कर लेंगे जल संकट का समाधान

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(फाइल फोटो)

आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरा कार्यकाल संभालने के बाद रविवार को पहली बार मन की बात को संबोधित किया है। दूसरी पारी के पहले एपिसोड को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘मैं जब भी मन की बात करता हूं तो आवाज मेरी, शब्द मेरे हैं, लेकिन कथा आपकी है, पुरुषार्थ आपका है, पराक्रम आपका है। इसके कारण में इस कार्यक्रम को नहीं आपको मिस कर रहा था,एक खालीपन महसूस कर रहा था। कई सारे संदेश पिछले कुछ महीनों में आए, जिसमें लोगों ने कहा कि वो मन की बात को मिस कर रहे हैं। जब मैं पढ़ता हूं, सुनता हूं, मुझे अच्छा लगता है। मैं अपनापन महसूस करता हूं।

इस दौरान पानी की समस्या पर पीएम ने कहा, ‘वर्षा से जो पानी मिलता है, उसका सिर्फ आठ फीसदी बचाया जाता है। समय आ गया है कि इस समस्या का हल निकाला जाए। जल की महत्ता को सर्वोपरि रखते हुए देश में नया जल शक्ति मंत्रालय बनाया गया है। इससे पानी से संबंधित सभी विषयों पर तेजी से फैसले लिए जा सकेंगे। मेरा पहला अनुरोध है। जैसे देशवासियों ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया। आइए, वैसे ही जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करें।

देशवासियों से मेरा दूसरा अनुरोध है कि हमारे देश में पानी के संरक्षण के लिए कई पारंपरिक तौर-तरीके सदियों से उपयोग में लाए जा रहे हैं। मैं आप सभी से, जल संरक्षण के उन पारंपरिक तरीकों को शेयर करने का आग्रह करता हूं। मुझे उम्मीद है कि जन भागीदारी से जल संकट का समाधान कर लेंगे। मैंने ग्राम प्रधानों को पत्र लिखा है कि वो पानी बचाने के लिए ग्राम सभा की बैठक करें और पानी पर विचार विमर्श करें। 22 जून को करोड़ों लोगों ने समर्थन किया।

वहीं मोदी ने आगे कहा कि ‘जब देश में आपातकाल लगाया गया, तब उसका विरोध सिर्फ राजनीतिक दायरे तक सीमित नहीं था। दिन-रात जब समय पर खाना खाते हैं तब भूख क्या होती है, इसका पता नहीं होता है, वैसे ही सामान्य जीवन में लोकतंत्र के अधिकार का मजा क्या है वो तब पता चलता है जब कोई लोकतांत्रिक अधिकारों को छीन ले। लोकतंत्र के अधिकार का मजा क्या है वो तब पता चलता है जब कोई लोकतांत्रिक अधिकारों को छीन ले।

लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए मोदी ने ही कहा, ‘भारत में 2019 के लोकसभा चुनाव में 61 करोड़ से ज्यादा लोगों ने वोट दिया। यह संख्या हमें बहुत ही सामान्य लग सकती है, लेकिन अगर दुनिया के हिसाब से देखें और चीन को छोड़ दिया जाए तो भारत में दुनिया के किसी भी देश की आबादी से ज्यादा लोगों ने मतदान किया है।’