आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की मार झेल रहे प्रवासी मजदूरों को लेकर एक ओर कांग्रेस मोदी और योगी सरकार पर सवाल उठाते हुए लगातार हमला बोल रही है तो वहीं दूसरी ओर शनिवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है। सोशल मीडिया के जरिए अब तक कांग्रेस को निशाने पर ले रही मायावती ने आज अपने एक बयान में कांग्रेस को ही लॉकडाउन की मार झेल रहे प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा का असली कसूरवार बताया है।
मायावती के इस बयान से पहले बीती शाम कांग्रेस ने भी मायावती के नजरिए के प्रति संदेह जताते हुए उन्हें भाजपा का प्रवक्ता बताया था, कांग्रेस का कहना था कि मायावती सुबह-शाम बस भाजपा के बचाव में लगी हैं। जबकि लॉकडाउन में दलित समाज के ऊपर हमले बढ़े हैं, लेकिन इस मुद्दे पर मायावती का एक बार भी मुंह नहीं खुलता, अब दलित और वंचित समाज के लोग जान गए हैं कि हाथी किसका साथी है। शनिवार को मायावती द्वारा कांग्रेस पर सीधा हमला बोलने के पीछे कांग्रेस के इसी आरोप को जिम्मेदार समझा जा रहा है।
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यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज पत्रकारों से कहा कि आज पूरे देश में कोरोना महामारी के लॉकडाउन के कारण बेरोजगार व बेआसरा हो गए उपेक्षा के शिकार करोड़ों प्रवासी श्रमिक परिवारों की अति-दुखद व शर्मनाक दुर्दशा व जो त्रासदी देखने को मिल रही, उसकी असली कसूरवार कांग्रेस पार्टी ही है।
बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए कहा कि आजादी के बाद केंद्र व राज्यों में कांग्रेस के लंबे शासनकाल के दौरान अगर लोगों की रोजी-रोटी की व्यवस्था गांव व शहरों में की गई होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करने को मजबूर होना पड़ता?
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वहीं मायावती ने राहुल गांधी व प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के अन्य नेताओं द्वारा प्रवासी श्रमिकों का दर्द भरा वीडियो शेयर करने को लेकर भी आज शक जाहिर करते हुए सवाल उठाएं हैं।
मायावती ने कहा कि वर्तमान समय में भी कांग्रेस के नेता लॉकडाउन त्रासदी के शिकार कुछ श्रमिकों के दुःख-दर्द बांटने संबंधी जो वीडियो दिखा रहें हैं, वह कांग्रेस नेताओं की हमदर्दी वाला कम व नाटक ही ज्यादा लगता है। साथ ही मायावती ने कहा कि अगर इस समय कांग्रेस यह बताती कि उसने उन पीड़ितों से मिलते समय कितने लोगों की वास्तविक मदद की तो यह बेहतर होता।
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कांग्रेस के पदचिन्हों पर न चलें मोदी-योगी सरकार
वहीं मायावती ने आज मोदी व योगी सरकार को सलाह देते हुए कहा है कि बीजेपी की केंद्र व राज्य सरकारें कांग्रेस के पदचिन्हों पर ना चलकर, बेहाल घर वापसी कर रहे मजदूरों को उनके गांवों-शहरों में ही रोजी-रोटी की व्यवस्था कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की नीति पर ईमानदारी से अमल करें, ताकि आगे ऐसी दुर्दशा इन्हें कभी नहीं झेलनी पड़े, जो सच्चे देशहित की अच्छी बात होगी।
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बसपा कार्यकर्ताओं से कि सहायता की अपील
वहीं मायावती ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा है कि घर वापसी करने वाले जिन प्रवासी मजदूरों को उनके घरों से दूर अलग-थलग रखा गया है तथा उन्हें सरकारी मदद भी पूरी नहीं मिल पा रही है तो ऐसे लोगों की भरसक मानवीय मदद करने का प्रयास करें क्योंकि मजलूम ही मजलूम का दर्द समझकर एक-दूसरे की सही मदद कर सकता है।