धार्मिक नारों की आड़ में हो रही हिंसा पर मायावती ने उठाए सवाल, भाजपा सरकारों को सख्‍त रवैया अपनानें की दी हिदायत

धार्मिक विवाद
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। यूपी की पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती ने सोमवार को जबरन धार्मिक नारे लगवाने और इसके नाम पर अत्याचार की हो रही घटनाओं पर तीखी प्रतिक्रिया दी। साथ ही भाजपा सरकारों को हिदायत देते हुए मायावती ने कहा कि जबरन अपने धार्मिक नारे लगवाने व उस आधार पर जुल्म-ज्यादती की जो नई गलत प्रथा चल पड़ी है। इसके प्रति केंद्र व राज्‍य सरकारों को सख्त रवैया अपनाने की जरूरत है।

मायावती ने आज सोशल मीडिया के माध्‍यम से ट्वीट कर कहा कि यूपी सहित कुछ राज्यों में जबरन अपने धार्मिक नारे लगवाने व उस आधार पर जुल्म-ज्यादती की जो नयी गलत प्रथा चल पड़ी है वह अति-निन्दनीय है। केंद्र व राज्य सरकारों को इस हिंसक प्रवृति के विरूद्ध सख्त रवैया अपनाने की जरूरत है ताकि भाईचारा व सद्भावना हर जगह बनी रहे व विकास प्रभावित न हो।

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वहीं मायवाती के इस बयान पर बीजेपी प्रवक्‍ता जीवीएल नरसिम्हाराव ने कहा कि मायावती भी अब ममता बनर्जी की राह पर चल रही हैं। किसी एक धर्म को जो राम का नाम लेता है, वो उसको कैसे रोक सकती हैं?

यहां बताते चलें कि रविवार को बागपत जिले के दोघट क्षेत्र में एक मस्जिद के इमाम के साथ कुछ युवकों ने कथित रूप से मारपीट कर उनकी दाढ़ी नोच ली और  जय श्री राम  लगाने का दबाव बनाया। पुलिस अधीक्षक शैलेष कुमार पाण्डेय ने रविवार को बताया, ‘‘प्रथम दृष्टया यह मामला सिर्फ मारपीट का लग रहा है। हालांकि शिकायत के आधार पर पुलिस ने करीब 12 युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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वहीं 12 जुलाई को उन्नाव जिले में कथित रूप से  जय श्रीराम  का नारा लगाने से इनकार करने पर मदरसे के चार छात्रों से मारपीट का मामला सामने आया था। उन्नाव के पुलिस क्षेत्राधिकारी (नगर) उमेश चंद्र त्‍यागी ने दर्ज रिपोर्ट के हवाले से शुक्रवार को बताया था कि एबी नगर स्थित मदरसा दारुल उलूम फैज-ए-आम में पढ़ने वाले चार छात्र बृहस्पतिवार को जब जीआइसी मैदान में क्रिकेट खेलने गये थे तब वहां पहले से ही खेल रहे कुछ युवकों ने मदरसा छात्रों से जय श्रीराम  का नारा लगाने को कहा। इससे इनकार करने पर उन्होंने बल्ले और स्टम्प से उनकी पिटाई की।

घटना में मदरसे के चारों छात्रों को चोटें आयीं। हालांकि बाद में लखनऊ में वरिष्ठ अधिकारियों ने संवाददाता सम्मेलन कर बताया, ‘‘यहां नारे को लेकर कोई मारपीट नहीं हुई, बल्कि बच्चों के बीच क्रिकेट खेलने को लेकर विवाद हुआ था।

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