मासूम ऋतिक के घर पहुंचे SCST आयोग के अध्‍यक्ष, परिजनों को मिलेगा आठ लाख 25 हजार

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग
ऋतिक के परिजनों से बात करते बृजलाल। (फोटो-आरयू)

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। हजरतगंज इलाके के 1090 चौराहे पर हुई 11 वर्षीय ऋतिक की हत्‍या के बाद भले ही एसएसपी दीपक कुमार घटनास्‍थल पर नहीं पहुंचे हो, लेकिन मीडिया में किरकिरी होने के बाद आला अधिकारियों का उसके घर पहुंचने का क्रम शुक्रवार को भी जारी रहा।

आज 1090 चौराहे से कुछ ही दूरी पर बालू अड्डे स्थित ऋतिक के घर उसके परिजनों को संत्‍वाना देने यूपी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल भी पहुंचे। इस दौरान बृजलाल ने परिजनों को न्‍याय का भरोसा दिलाने और संत्‍वाना देने के साथ ही एक बड़ा ऐलान किया।

उन्होंने कहा एससीएसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत इस मामले में आठ लाख 25 हजार की सहायता अनुमन्य है। जिसे ऋतिक के माता-पिता को दिलाया जायेगा। इतना ही नहीं इस दौरान वहां मौजूद अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी सर्वेश मिश्रा व क्षेत्राधिकारी हजरतगंज अभय कुमार मिश्रा को निर्देश दिया कि ऋतिक के पिता से उनका बैंक खाता संख्या, फोटो, पहचान पत्र समेत दूसरे कागजात लेकर सहायता का प्रस्ताव आज ही जिला समाज कल्याण अधिकारी को भेज दें। वहीं आयोग के अध्यक्ष ने जिला प्रशासन से भी कहा कि सात जुलाई तक अनुग्रह राशि का 50 प्रतिशत भुगतान ऋतिक के परिजनों को करवा दिया जाए।

यह भी पढ़ें- दलितों को मनाने में लगी योगी सरकार, पूर्व डीजीपी बृजलाल को SC-ST आयोग का अध्‍यक्ष पद सौंपा  

उन्होंने मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों को ये भी निर्देशित किया कि हत्‍या की विवेचना तत्परता से करने के साथ ही इस बात का भी खास ख्‍याल रखा जाए कि विवेचना में इस तरह की कोई कमी न रह, जिसका फायदा उठाकर हत्‍यारे को न्‍यायालय से कोई राहत मिल जाए।

ये था मामला

बताते चलें कि गुब्‍बारे बेचने वाले ऋतिक की गला घोटकर हत्‍या के बाद बेहद सुरक्षित माने जाने वाले 1090 चौराहे पर लाश मिली थी। संगीन मामलों में घटनास्‍थल पर पहुंचने के डीजीपी के निर्देश के बाद भी एसएसपी दीपक कुमार मौके पर नहीं पहुंचे थे। जिसको लेकर अगले दिन मीडिया में पुलिस की खासी किरकिरी हुई थी।

उसके बाद डीजीपी ओम प्रकाश सिंह समेत पुलिस विभाग के तमाम बड़े अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर ऋतिक के परिजनों को जल्‍द से जल्‍द हत्‍या का खुलासा करने का आश्‍वासन दिया था। हालांकि घटना वाले दिन डीजीपी राजधानी में नहीं थे।

यह भी पढ़ें- SCST Act: SC और बसपा सरकार के आदेश को एक बताने पर मायावती ने BJP के साथ मीडिया पर साधा निशाना, बतायी पूरी बात

एक्‍शन में आयी राजधानी पुलिस ने गुरुवार को गुब्‍बारे बेचने वाले दिव्‍यांग कलाम को पकड़कर हत्‍या का खुलासा कर दिया था। पुलिस की माने तो कलाम का कहना था कि ऋतिक को उसने गुब्‍बारा बेचने से मना किया, मानने की जगह ऋतिक ने उसे गालियां दी थी, जिससे गुस्‍से में आकर उसने ऋतिक की बनियान से गला कसकर हत्‍या कर दी थी।

सीएम ने किया था सम्‍मानित

यहां बताते चले कि कलाम ने जान पर खेलकर एक युवती को गोमती नदी में डूबने से बचाया था। जिसके लिए उसे सीएम ने सम्‍मानित भी किया था। युवती की जान बचाने वाले कलाम को भले ही राजधानी पुलिस ने हत्‍या के मामले में जेल भेज दिया हो, लेकिन लोग पुलिस के गुडवर्क पर ऊंगलियां उठा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सपा समेत दूसरी राजनीतिक पार्टी के लोग ऋतिक के घर पहुंचकर भी सांत्‍वाना देने में लगे हैं।

यह भी पढ़ें- तीन साल के मासूम का अपहरण कर हैवानों ने की हत्‍या, लाश की हालत देख कांपी रूह