प्रियंका ने CM योगी को लिखा पत्र, कहा भावी पीढ़ियां आपको नहीं करेंगी माफ, कोरोना से जनता को बचाने के लिए दस सुझाव भी दिए

प्रियंका गांधी

आरयू ब्यूरो,लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी में कोरोना की स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए मंगलवार को कहा कि अगर मुख्यमंत्री इस विपदा से निपटने के लिए पूरा संसाधन नहीं झोंकेंगे तो भावी पीढ़ियां उन्हें कभी माफ नहीं करेंगी। साथ ही कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर अपने भयानक रूप में है। शहरों की सीमाओं को लांघकर अब यह महामारी गांवों में अपना पैर पसार रही है। सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि जिस रफ्तार से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उसके मुकाबले प्रदेश में कोरोना जांच की दर न के बराबर है। बड़ी संख्या ऐसे मामलों की भी है जो रिपोर्ट ही नहीं हो पा रहे हैं।

कांग्रेस महासचिव ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में यह आग्रह भी किया कि राज्य सरकार को स्वास्थ्य संबंधी आपातकाल की स्थिति को स्वीकार करना चाहिए। प्रियंका ने आगे कहा कि पूरी दुनिया में कोरोना की ये जंग चार स्तंभों पर टिकी है, जांच, उपचार, ट्रैक और टीकाकरण। यदि आप पहले खंभे को ही गिरा देंगे तो फिर हम इस जानलेवा वायरस को कैसे हराएंगे? ग्रामीण इलाकों में तो जांच तक नहीं हो रही है, शहरी इलाकों के लोगों को जांच कराने में काफी मुश्किलें हैं। कई दिन तक रिपोर्ट नहीं आती। 23 करोड़ की आबादी वाले राज्य में प्रदेश सरकार के पास केवल 126 परीक्षण केंद्र और 115 निजी जांच केंद्र हैं।

आयुष्‍मान योजना हो चुकी फेल

योगी सरकार को घेरते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, दवाईयों की घोर किल्लत और इनकी बड़े पैमाने पर कालाबाजारी को लेकर है। आयुष्मान कार्ड योजना फेल हो चुकी है, उसे कोई अस्पताल नहीं मान रहा। लोगों को ऑक्सीजन, रेमिडीविर और अन्य जीवन रक्षक दवाओं के तीन–चार गुनी कीमत चुकाने को मजबूर किया जा रहा है। आर्थिक तौर से सक्षम लोग तो फिर भी अपनों को बचाने के लिये अधिक कीमत चुका देंगे, पर उस गरीब और मध्यम वर्ग की क्या दुर्गति हो रही है?

आंकड़ों को कम बताने का चल रहा खेल

योगी सरकार पर निशाना साधते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि हमारी तीसरी चिंता श्मशान घाटों पर निर्ममता से हो रही लूट-खसोट और कुल मौतों के आंकड़ों को कम बताने को लेकर है। जो कि आंकड़ों को कम दिखाने का यह खेल अब हर रोज यूपी हर जिले, हर कस्बे में किसके कहने से खेला जा रहा है?  लोगों को शवों के अंतिम संस्कार के लिये लकड़ी नहीं मिल रही, अपने प्रियजनों को श्मशान घाटों तक ले जाने के लिये परिवारों को एम्बुलेंस के लिए 12-12 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है, क्योंकि कूपन नहीं है।

एक करोड़ लोगों को ही लग सका टीका

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में सुस्त टीकाकरण कार्यक्रम को लेकर है। टीकाकरण शुरू हुए पांच महीने बीत गए, लेकिन प्रदेश के 20 करोड़ लोगों में से एक करोड़ से भी कम लोगों को ही अब तक टीका लगाया गया है। जबकि दूसरी लहर महीनों पहले आनी शुरू हो गई थी, आप तेजी से टीकाकरण कर सकते थे।

मानवता की लड़ाई में न छोड़े अकेला

वहीं योगी सरकार से आग्रह करते हुए प्रियंका ने कहा कि मानवता की इस लड़ाई में लोगों को कोरोना से लड़ने के लिये अकेला मत छोड़िए, आप उनके प्रति जवाबदेह हैं। इस संकट के समय यदि आपने दृढ़निश्चय लेकर सरकार के पूरे संसाधन नहीं डालेंगे तो भावी पीढ़ियां आपको कभी माफ नहीं करेंगी।

सच सामने ला रहे लोगों को जेल में बंद करने…

इस दौरान कांग्रेस महासचिव ने यूपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस महाविपदा का सच सामने ला रहे लोगों को जेल में बंद करने और उनकी संपत्ति जब्त करने के आदेश के पीछे आपकी जो भी मंशा हो कृपया सबसे पहले इस जानलेवा वायरस को काबू करने की कोशिश पर अपना ध्यान केंद्रित करें और ये तभी संभव होगा जब यूपी सरकार यह मानने को तैयार होगी कि यह स्वास्थ्य आपातकाल का समय है। इस महाविपदा को रोकिये। हम अपने स्तर पर हर जिले में जनता की यथासंभव मदद कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें- सिस्‍टम की कमी बताने वालों को धमका रही योगी सरकार: प्रियंका गांधी

1- सभी स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स के कल्याण के लिए एक समर्पित आर्थिक पैकेज की घोषणा की जाए।

2- सभी बंद किये जा चुके कोविड अस्पतालों और देखभाल केंद्रों को फिर से तुरंत अधिसूचित करें और युद्ध स्तर पर ऑक्सीजन-युक्त बेड की उपलब्धता बढ़ाएं। प्रादेशिक सेवा से निवृत्त हुए सभी चिकित्साकर्मियों, मेडिकल व पैरा-मेडिकल स्टाफ को उनके घरों के पास स्थित अस्पतालों में काम करने के लिए बुलाया जाए।

3- कोरोना संक्रमण एवं मौत के आंकड़ों को ढंकने, छुपाने के बजाय श्मशान, क़ब्रिस्तान और नगरपालिका निकायों से परामर्श कर पारदर्शिता से लोगों को बताया जाए।

4- आरटीपीसीआर जांच की संख्या बढ़ाएं। सुनिश्चित करें कि कम से कम 80 प्रतिशत जांच आरटीपीसीआर द्वारा हों। ग्रामीण क्षेत्रों में नये जांच केंद्र खोलें और पर्याप्त जांच किटों की खरीद तथा प्रशिक्षित कर्मचारियों से उनकी मदद करें।

5- आंगनबाड़ी और आशा कर्मियों की मदद से ग्रामीण इलाकों में दवाओं व उपकरणों की कोरोना किट बंटवाई जाए, ताकि लोगों को सही समय पर शुरूआती दौर में ही इलाज व दवाई मिल सके और अस्पताल जाने की नौबत ही न आये। जीवनरक्षक दवाइयों की कालाबाजारी पर रोक लगाई जाए। महत्वपूर्ण जीवन रक्षक दवाइयों के रेट फिक्स किए जाएं।

6- ऑक्सीजन के भण्डारण की एक नीति तुरंत बनायी जाए ताकि आपात स्थिति के लिए हर जिला मुख्यालय पर ऑक्सीजन का रिजर्व भण्डार तैयार हो सके। हर ऑक्सीजन टैंकर को पूरे राज्यभर में एम्बुलेंस का स्टेटस दिया जाए ताकि परिवहन आसान हो सके।

7- इस संकट के चलते बंदिशों का दंश झेल रहे सभी गरीबों, श्रमिकों, रेहड़ी पटरी वाले और देश के अन्य राज्यों से अपनी रोजी-रोटी छोड़कर घर लौटने वाले गरीबों को नकद आर्थिक मदद की जाए।

8- प्रदेश में युद्ध स्तर पर तुरंत वैक्सीनेशन की शुरुआत हो। प्रदेश की 60 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण करने के लिए यूपी को कम से कम 10,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी, जबकि इसके लिए उसे केवल 40 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं। इसलिए मैं आपसे बुलंदशहर में बने भारत इम्युनोलॉजिकल एंड बायोलॉजिकल कॉर्पोरेशन में टीके के निर्माण की संभावना तलाशने का आग्रह किया।

9- कोरोना की पहली लहर से बुनकर, कारीगर, छोटे दुकानदार, छोटे कारोबार तबाह हो चुके हैं। दूसरी लहर में उन्हें कम से कम कुछ राहत जैसे बिजली, पानी, स्थानीय टैक्स आदि में राहत दी जाए ताकि वे भी खुद को संभाल सकें।

10- यह सबकी मदद लेने, सबका साथ देने, सबका हाथ थामने का समय है। इस समय आपकी सरकार को लोगों, दलों और संस्थाओं को आगे आने और मदद करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

यह भी पढ़ें- प्रियंका का आरोप, लोगों की रक्षा करने व सहयोग देने की भूमिका पहले ही छोड़ चुकी योगी सरकार