प्रियंका ने कहा, “सिलेंडर नहीं, रोजगार, शिक्षा, सेहत व सुरक्षा से महिलाएं होंगी सशक्‍त” क्‍यों की जाती है नफरत-हिंसा की राजनीति, यह भी बताया

नफरत की राजनीति
संवाद करतीं प्रियंका गांधी।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। कोरोना संक्रमण फैलने की वजह से कुछ दिन पहले ही सभी चुनावी रैलियां कैंसिल करने का ऐलान वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार को फेसबुक लाइव आकर लोगों से बात की। यूपी चुनाव में “लड़की हूं, लड़ सकती हूं” का नारा बुलंद कर प्रियंका गांधी ने आज एक बार महिला सशक्तिकरण की बात पर जोर दिया। राजनीतिक पार्टियों द्वारा महिलाओं को खाना बनाने के लिए गैस सिलेंडर दिए जाने वाले फैसले पर प्रियंका ने ऐतराज जताते हुए कि अगर आपको महिलाओं को सशक्‍त बनाना है तो ये एक गैस सिलेंडर वाली प्रथा बंद होनी चाहिए। उन्हें रोजगार, शिक्षा, सेहत, सुरक्षा कैसी मिल रही है, ये महत्वपूर्ण है। हमने अपने शक्ति विधान में महिलाओं के लिए काफी कुछ लिखा है कि हम उनके लिए क्या करना चाहते हैं।

यह भी पढ़ें- कांग्रेस के मैराथन में ‘‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’’ नारे के साथ अब लखनऊ में दौड़ी हजारों बेटियां

इस दौराना भाजपा को निशाने पर लेते हुए कांग्रेस की यूपी प्रभारी ने कहा कि नफरत और हिंसा की राजनीति इसलिए की जाती है, ताकि उनसे सवाल न पूछा जाए और लोग इसी में फंसे रहें, लेकिन इसका समाधान यही है कि सकारात्मकता और प्रेम से सही विकास की ओर कदम बढ़ाया जा सकता है। साथ ही प्रियंका ने कहा कि नफरत से निपटने का एक ही रास्ता है। जैसा भगवान बुद्ध ने कहा, नानक जी ने कहा, गांधी जी ने कहा कि नफरत का मुकाबला सिर्फ प्रेम से हो सकता है। इससे सिर्फ सकारात्मकता से लड़ सकते हैं।

बेरोजगार युवा, किसान, महिलाएं, गरीब सब परेशान

वहीं मोदी व योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए प्रियंका ने कहा कि आज बेरोजगार युवा, किसान, महिलाएं, गरीब सब परेशान हैं। विकास उन तक पहुंच नहीं रहा है। विकास ऐसे नहीं हो सकता कि चुनाव के पहले एयरपोर्ट का उद्घाटन कर दिया और एयरपोर्ट बना नहीं।

महिलाओं को अपने हक के लिए लड़ना होगा

प्रियंका ने महिलाओं से कहा कि हमारा सशक्तिकरण कैसे होगा? हमसे कहा जाता है कि सहने की आदत बना लो। ये सही है कि हम महिलाओं में सहने की शक्ति है, लेकिन महिलाओं के अपनी शक्ति पहचाननी होगी। महिलाओं को अपने हक के लिए लड़ना होगा।

महिलाओं की फोर्स एकजुट हो जाए तो परिवर्तन निश्चित

कुछ घटनाओं को जिक्र करते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उन्नाव की पीड़िता का केस वहां पर दर्ज नहीं हुआ। उसका केस रायबरेली में दर्ज हुआ। वह खुद ट्रेन लेकर रायबरेली जाती थी। उसकी मदद कर रही थी उसकी भाभी। अन्याय के खिलाफ सारी लड़ाइयां महिलाएं लड़ रही हैं। अत्याचार के खिलाफ लड़ रही पीड़िताओं से प्रेरणा लेकर ही “लड़की हूं, लड़ सकती हूं” का नारा आया है। महिलाओं बहुत बड़ी फोर्स हैं। अगर ये एकजुट हो जाए तो परिवर्तन निश्चित है। साथ ही एक सवाल के जवाब में कहा कि महिलाओं के लिए 40 प्रतिशत आरक्षण सही भागीदारी नहीं है। सही है कि ये हिस्सेदारी 50 प्रतिशत होनी चाहिए।

यह भी पढ़ें- महिलाओं को 40 प्रतिशत टिकट देने के ऐलान के बाद प्रियंका पर भड़कीं मायावती, घोषणा को बताया कोरी चुनावी नाटकबाजी

एक सवाल के जवाब में प्रियंका ने कहा, वर्तमान में न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न मुझे बहुत पसंद हैं। वे महिला हैं, बहुत मजबूत हैं, जनता से अच्छी तरह जुड़ती हैं। वे बहुत नेचुरल रहती हैं। मेरी दादी इंदिरा गांधी भी मेरी प्रेरणा हैं। मैं उनसे भी प्रभावित हूं।

यह भी पढ़ें- PM मोदी की सुरक्षा में चूक वाले घटनाक्रम पर किसान नेता राकेश टिकैत ने उठाएं सवाल, बताया, सहानुभूति बटोरने का सस्ता स्टंट

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पंजाब की रैली में जाने से पहले ही आधे रास्‍ते से छोड़कर आने वाले वाले घटनाक्रम को लेकर भी प्रियंका ने इशारो में कहा कि इंदिरा गांधी एक सभा में भाषण दे रही थी तभी पथराव हो गया। उन्हें एक पत्थर आकर नाक पर लगा। खास बात ये है कि वे पीछे नहीं हटीं। फिर से खड़ी हुईं, भाषण पूरा किया। इंदिरा गांधी जी साहस की मिसाल थीं। उन्होंने हमेशा सही निर्णय लिया। वे आयरन लेडी थीं, लेकिन उतनी ही मजाकिया थीं। हमारे साथ खेलती थीं। साथ ही उनमें धैर्य, निडरता, वीरता थी। वे महिला सशक्तिकरण की भी मिसाल हैं।