आरयू ब्यूरो,लखनऊ। यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच शुक्रवार को बसपा के पूर्व कद्दावर नेता राम अचल राजभर और लालजी वर्मा ने लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। इससे समाजवादी पार्टी में लालजी वर्मा और राम अचल के जाने की अटकलें काफी तेज हो गयीं हैं।
वहीं इस मुलाकात के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई है। आशंका जताई जा रही है कि जल्द ही दोनों नेता समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर सकते है। सूत्रों के मुताबिक, अक्टूबर में अंबेडकर नगर में बड़ी जनसभा में अखिलेश यादव दोनों नेताओं को पार्टी में शामिल कराएंगे, हांलाकि अखिलेश ने इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया है।
सपा की ओर से इस बारे में कहा गया है कि वरिष्ठ विधायक, पूर्व कैबिनेट मंत्री व बसपा के वरिष्ठतम पदाधिकारी रहे, लालजी वर्मा और राम अचल राजभर ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से आज शिष्टाचार मुलाकात की है। साथ ही कहा गया है कि बसपा के पूर्व दोनों नेताओं ने सपा सरकार में यूपी के विकास के लिए किए गए कामों एवं सामाजिक न्याय संघर्ष की सराहना भी की है।
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बता दें बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने लालजी वर्मा व रामअचल राजभर पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल होने का आरोप लगाते हुए बसपा से बाहर कर दिया था। लालजी वर्मा कटेहरी विधानसभा से वर्तमान में विधायक है। राम अचल राजभर अकबरपुर विधानसभा सीट से विधायक है।
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गौरतलब है कि राजभर और वर्मा दोनों ही कांशीराम के जमाने से बसपा से जुड़े थे। राजभर 1993 में पहली बार बसपा के टिकट पर विधायक बने। तब से उनकी जीत का सिलसिला जारी है।
वर्ष 1986 में पहली बार एमएलसी बनाए गए। इसके बाद उन्होंने 1991, 1996, 2002, 2007 और 2017 का विधानसभा चुनाव भी जीता।
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वही जब बसपा अपनी साख बचाने की लड़ाई लड़ रही है तो ऐसे में इन नेताओं के सपा में जाने से बहुजन समाज पार्टी को काफी नुकसान होने की संभावना है। इन दोनो नेताओं की पूर्वांचल में भी काफी अच्छी पकड़ है। अब देखना है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी पूर्वांचल को किसके सहारे चुनाव मैदान में उतरती है।