सम्‍मेलन में बोले सीएम योगी, जिन्‍ना समर्थकों से रहें सतर्क, सत्‍ता के लिए कर सकतें हैं कुछ भी, चंद्रगुप्‍त, अशोक व सिकंदर को लेकर कहीं ये बातें

चंद्रगुप्‍त अशोक सिकंदर
सम्‍मेलन को संबोधित करते यूपी के मुख्यमंत्री।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में रविवार को भाजपा के वैश्य सम्मेलन में विपक्ष पर जमकर हमला बोला। योगी ने कहा कि आज सत्ता के लिए जो लोग जिन्ना का समर्थन कर रहे हैं वो एक प्रकार से तालिबान का समर्थन कर रहे हैं, ऐसे लोगों से सतर्क रहने की जरूरत हैं, क्योंकि वो सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं।

विरोधी राजनीतिक दलों को निशाने पर लेते हुए सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष के पास मुद्दा नहीं है। वह सरदार पटेल का अपमान करना चाहती है। राष्ट्र नायक सरदार पटेल एक ओर हैं और दूसरी ओर राष्ट्र को तोड़ने वाले जिन्ना दूसरी ओर हैं। वो लोग जिन्ना का समर्थन करते हैं, हम लोग सरदार पटेल का समर्थन करते हैं।

वहीं इतिहास का जिक्र करते हुए योगी ने कहा कि सम्राट अशोक या चंद्रगुप्त मौर्य को महान नहीं बताया, बल्कि चंद्रगुप्त मौर्य से हारने वाले सिकंदर को महान बताया। देश के साथ कितना धोखा हुआ है। इतिहासकार इन सब मुद्दों पर मौन हैं, अगर सच्चाई भारतवासियों के मन में आ जाएगी तो समाज और देश खड़ा हो जाएगा।

…तो सोचिये देश का क्या हाल होता

सीएम ने कहा कि 2014 के पहले कोरोना महामारी आई होती तो सोचिये देश का क्या हाल होता। पहले पर्व व त्योहारों पर अराजकता का माहौल था। गुंडा टैक्स वसूला जाता था। अब दंगाइयों को पता है कि दंगा करेंगे तो सात पीढ़ियों तक वसूली की जाएगी।

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इतना ही नहीं विपक्ष पर हमला जारी रखते हुए योगी ने कहा कि 2014 के पहले आवास योजना का लाभ चेहरा देखकर मिलता था, सत्ताधारी दल के हैं तो मिलेगा। विधायक आपकी जाति का है तो मिलेगा नहीं तो नहीं मिलेगा। आज देश के अंदर दस करोड़ लोगों को आवास मिल गए हैं।

आजादी के बाद ऐसा कोई काम नहीं हुआ जो भारत के गौरव को बढ़ाता

नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए योगी ने कहा कि यह पहचान देश को मिली है इसलिए मिली, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को भारतीय दृष्टि दी। साल 1947 में भारत के पास इस प्रकार का यशस्वी नेतृत्व होता तो भारत दुनिया का सबसे समृद्ध, बड़ी सामरिक शक्ति और आर्थिक ताकतवर देश होता। साथ ही कहा कि आजादी के बाद पिछली सरकारों के कालखंड में कभी भी ऐसा कोई काम नहीं हुआ जो कहा जा सके कि भारत के गौरव को आगे बढ़ाता हो।