कुर्सी बचाने के लिए सत्येंद्र सिंह ने वास्तुशास्त्र का भी लिया था सहारा

LDA VC

आरयू ब्‍यूरो

लखनऊ। सपा सरकार में जनता से दूरी और रसूखदारों व मंत्रियों से करीबी बनाकर नौकरी करने के लिए पहचाने जाने वाले लखनऊ विकास प्राधिकरण के पूर्व वीसी सत्‍येंद्र सिंह यादव ने सत्‍ता बदलते ही अपनी कुर्सी बचाने के लिए पूरा जोर लगाया था।

एलडीए में बैठे अपने नव रत्‍नों से पहले खुद को पुराना भगवा धारी होने की हवा उड़वाई, योगी सरकार के मंत्रियों के यहां चक्‍कर काटे, गड़बड़ी की बात उठने पर छवि बचाने के लिए अपने करीबी बाबू मुक्‍तेश्‍वरनाथ ओझा, समीर मिश्रा, काशीनाथ राम, स्‍मारकर समिति से लाई गई पीआरओ भावना सिंह समेत अन्‍य पर कार्रवाई भी कर डाली।

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इन सब हथकंडों के अलावा वीसी ने गुपचुप तरीके से वास्‍तु कंस्‍लटेंट से राय लेकर अपने कार्यालय में भारी फेरबदल करवाया था। पुरानी बिल्डिंग के दूसरे तल पर स्थित अपने कार्यालय के ठीक बाहर आगंतुकों और कर्मचारियों के लिए बनाए गए दो आलीशान वॉशरूम को भी अपनी कुर्सी के लिए बलि चढ़ा दिया।

वास्तु कंस्लटेंट
महीने भर पहले तक यहीं हुआ करते थे वॉशरूम।

जबकि कुछ साल पहले ही करीब 20 लाख की लागत से तैयार किए गए इन वॉशरूम को सत्‍येंद्र सिंह यादव ने ‘जमीन पर जन्‍नत दिखाने’ का दावा करने वाले एक वास्‍तु कंस्‍लटेंट के कहने पर सिर्फ इसलिए तोड़वा दिया था, क्‍योंकि वह उत्‍तर दिशा में बने थे।

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दरअसल खुद को जांच और कार्रवाई के साए में देख रहे पूर्व वीसी ने मार्च में वास्‍तु कंस्‍लटेंट को अपने कार्यालय और घर का मुआयना कराया था। सूत्र बताते हैं कि ऑफिस का निरीक्षण करने के बाद कंस्‍लटेंट ने कहा कि उनके कार्यालय के बाहर उत्‍तर दिशा में बने दोनों वॉशरूम की जगह खुला एरिया होना चाहिए। जिससे कि हवा और रोशनी आती रही, वहीं उनके लिए शुभ होगा।

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जिसके बाद वीसी ने जनता की गाढ़ी कमाई से तैयार वॉशरूम को न सिर्फ बिना सोचे समझे ध्‍वस्‍त करा दिया बल्कि तीन तरफ की दीवार को तोड़वाकर लाखों रुपए मूल्‍य के पत्‍थर भी लगवा डाले। हालांकि वीसी का यह टोटका कारगार सिद्ध नहीं हुआ और टॉयलेट की सीट अपनी जगह से हटने के साथ ही दूसरी बार जमे उपाध्‍यक्ष भी अपनी सीट से हटा दिए गए।

…जब वीसी बोले सीढ़ी कर दो क्‍लॉक वाइस

वीसी कार्यालय को जाने वाले सीढ़ी को एंटी क्‍लॉक वाइस देखने के बाद वास्‍तु के कथित जानकार ने यह भी सत्‍येंद्र सिंह को बता दिया कि सीढ़ी को क्‍लॉक वाइस बनवाइये। सूत्र बतातें हैं कि कुर्सी बचाने के लिए वीसी ने तत्‍काल इंजीनियरों को बुलाकर फरमान जारी कर दिया कि सीढ़ी को क्‍लॉक वाइस कर दिया जाए।

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वीसी का आदेश सुनते ही इंजीनियरों के पसीने छूट गए। लोगों ने बड़ी मुश्‍किल से समझाया कि साहब ऐसा करने के चक्‍कर में काम काफी बढ़ जाएगा। इतना ही नहीं थोड़ी भी चूक हो गई तो बिल्डिंग को भारी नुकसान पहुंच सकता है। जिसके बाद वीसी ने दोबार कंस्‍लटेंट से संपर्क किया तो उन्‍हें बताया कि सीढ़ी चढ़ते वक्‍त लेफ्ट साइड की दीवार हटाकर खिड़की लगाने से भी काम चल सकता है।

कर्मचारियों को हो रही दिक्‍कत तो कर रहे साहब को याद

वॉशरूम हटने के बाद अब वीसी कार्यालय के कर्मचारियों समेत सुरक्षा कर्मियों व आगंतुकों को दिक्‍कत हो रही है। गुस्‍से में कर्मचारी बस यही कह पाते है कि साहब को कुर्सी बचाने का जुनून था। हालांकि कई बार लोग वीसी के इस फैसले का मजाक भी बनाते रहते हैं।

कंस्‍लटेंट ने कहा…

वहीं दूसरी ओर वास्‍तु कंस्‍लटेंट से बात की गई तो उसने कहा कि सरकार बदलने के बाद वीसी का भी बदलना तय था, यह आप भी जानते हैं। उसने सिर्फ बिल्डिंग का वास्‍तु ठीक कराने को कहा था। बातचीत में कंस्‍लटेंट ने यह भी माना की उसने वीसी के गोमतीनगर स्थित आवास में भी फेरबदल करवाएं हैं, हालांकि उसने यह नहीं बताया कि वीसी के घर किस तरह का बदलाव किया गया है।