शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने सुंदरकांड का पाठ कर कहा, SC के आदेश को नजरअंदाज कर रही सरकार

शिक्षक भर्ती अभ्यर्थी
सुंदरकांड का पाठ करते शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। 69 हजार शिक्षक भर्ती में एक अंक से नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थियों का धरना 48वें दिन भी जारी रहा। रविवार को भारी संख्या में अभ्यर्थियों ने ईको गार्डन में नियुक्ति को लेकर सुंदरकांड के पाठ का आयोजन किया। इस मौके पर भारी संख्या में महिला अभ्यर्थी भी मौजूद रहीं। सैकड़ों अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्ति के लिए 48 दिन से लगातार इको गार्डन में धरना प्रदर्शन करके नियुक्ति की मांग कर रहे हैं।

अभ्यार्थियों का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग उच्चतम न्यायालय के अंतिम आदेश को नजरअंदाज कर रहा। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में रामराज की बात करते हैं इसलिए हम रामचरितमानस के सुंदरकांड का पाठ करके प्रभु राम से बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्ति की पूजा अर्चना कर विनती कर रहे हैं। साथ ही बताया कि अभ्यर्थियों ने हनुमान चालीसा पाठ के साथ सीतारामजी की आरती भी की।

अभ्यर्थियों ने बताया कि इस मामले को लेकर बेसिक शिक्षा परिषद के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार से दर्जनों बार मुलाकात की गई, लेकिन अभी तक इस एक अंक मामले के सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार नियुक्ति की लिखित कार्यवाही पर मौन धारण किए हैं।

48 दिनों में बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार, बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल, स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद के साथ बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य से भी मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा गया है, लेकिन इसके बावजूद विभाग ने एक अंक विवाद पर नियुक्ति सम्बंधित कोई लिखित कार्यवाही शुरू नहीं की और अभ्यर्थियों के प्रदर्शन को अनदेखा किया जा रहा है। ऐसे में जब तक सभी अभ्यर्थियों को बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्ति नहीं मिल जाती तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।

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बता दें कि यूपी सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग ने साल 2019 में 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा संपन्न कराई थी, लेकिन इस परीक्षा में पूछे गए एक शैक्षिक परिभाषा प्रश्न पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 25 अगस्त 2021 को एक अंक बढ़ाते हुए मेरिट के अनुसार कोर्ट की शरण में आए हुए अभ्यर्थियों को बेसिक में चयन करने का आदेश पारित किया था।

वहीं सात महीने बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश के विरुद्ध अपील दायर की, लेकिन सरकार की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर 2022 को खारिज कर दिया है। इसके बाद 11 महीने बीत जाने के बाद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिली है।

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