ED की गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे नवाब मलिक, कपिल सिब्बल ने की जल्द सुनवाई की मांग

नवाब मलिक

आरयू वेब टीम। केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से मनी लांड्रिंग केस में गिरफ्तारी के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक सुप्रीम पहुंचे हैं। नवाब मलिक के वकील कपिल सिब्बल ने पीएमएलए कानून का हवाला देते हुए पूरे मामले की जल्द जल्द सुनवाई की मांग की है।

साथ ही कहा कि पीएमएलए कानून 2005 में लागू हुआ। जिन लेन-देन के लिए ईडी इस कानून के तहत कार्रवाई कर रही है, वह 2000 या उससे पहले के हैं। चीफ जस्टिस ने मामले पर जल्द सुनवाई का आश्वासन दिया। इससे पहले, अदालत ने नवाब मलिक को 18 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

इसके बाद महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और राकांपा के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी तत्काल रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मलिक ने इससे पहले मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत से रिहाई की मांग करने वाली उनकी याचिका को खारिज करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के एक आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस प्रसन्ना बी वरले और जस्टिस श्रीराम एम मोदक की बेंच ने 15 मार्च को मलिक द्वारा बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में मांगी गई अंतरिम प्रार्थना को खारिज कर दिया था, जिसमें याचिका के लंबित रहने के दौरान उनकी रिहाई की मांग की गई थी। उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया था, “चूंकि कुछ बहस योग्य मुद्दों को उठाया जाता है, इसलिए इन मुद्दों पर लंबी सुनवाई होनी चाहिए। सौंपे गए आधारों को ध्यान में रखते हुए, हम अंतरिम आवेदन में राहत देने के इच्छुक नहीं हैं।”

गौरतलब है कि नवाब मलिक को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी चार अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मलिक के कुर्ला संपत्ति सौदे की जांच कर रहा है, जहां 1999-2003 में कुर्ला में तीन एकड़ के भूखंड के लिए अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर को भुगतान किया गया था।

इसने आरोप लगाया कि कुर्ला भूमि मुनीरा प्लंबर की थी और पारकर ने एक जाली पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से अधिग्रहण किया था, जिसने पारकर के ड्राइवर और अंगरक्षक सलीम पटेल को जमीन बेचने का अधिकार दिया था। ईडी ने आरोप लगाया कि मलिक के परिवार के सदस्यों की कंपनी सॉलिडस इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के जरिए मलिक द्वारा हड़पी गई संपत्ति का मौजूदा बाजार मूल्य 300 करोड़ रुपये है। 2014 में पारकर का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।

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