आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व राज्यपाल लाल जी टंडन की जयंती के अवसर पर बुधवार को कालीचरण कॉलेज परिसर में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जीवन में महानता ऊपर से नीचे नहीं, शून्य से शिखर की ओर जाती है। लखनऊ की पहचान टंडन नगर निगम के पार्षद के रूप में राजनीतिक यात्रा प्रारम्भ की।
साथ ही कहा कि वह विधायक, विधान परिषद सदस्य और लखनऊ के लोकप्रिय सांसद के रूप में कार्य किये। इस प्रकार उन्होंने शून्य से शिखर तक की यात्रा की। योगी ने लाल जी टंडन से जुड़ा एक किस्सा सुनाते हुए बताया कि लालजी राज्यपाल भी बने। पटना में उनके राज्यपाल रहते हुए मैं राजभवन गया था। पटना के राजभवन में लखनऊ के कई लोग बैठे थे। मैंने कहा कि आप बिहार के राज्यपाल हैं, लेकिन यहां लखनऊ के लोग हैं। इस पर उन्होंने कहा कि कोई नहीं छोड़ता तो मैं क्या कर सकता हूं। इस प्रकार उनकी आत्मीयता थी।
आगे कहा कि राम मंदिर आंदोलन के दौरान संतों और सरकार के बीच समन्वय बनाकर काम करने अनुभव रहा हो या फिर कुंभ का आयोजन। हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। इस संस्थान का 118 वर्षों का अपना इतिहास है। इससे वह लंबे समय तक जुड़े रहे। मुख्यमंत्री कॉलेज को आश्वासन दिया कि सरकार हर प्रकार से शिक्षण संस्थानों के साथ खड़ी है। हर जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
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इस कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, केन्द्रीय मंत्री कौशल किशोर, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, पूर्व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, पूर्व जलशक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह, पूर्व मंत्री आशुतोष टण्डन, पूर्व राज्यसभा सदस्य संजय सेठ के अलावा विधायक, सांसद समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
बता दें कि कॉलेज परिसर में स्थापित प्रतिमा 12.5 फिट की है। प्रतिमा का वजन 12 कुंटल है। कालीचरण पीजी कॉलेज का सताब्दी भवन लालजी टण्डन के नाम जाना जाएगा। इस भवन का भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकापर्ण किया।