आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कर्नाटक कैडर के आइएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की हजरतगंज इलाके में संदिग्ध परिस्थितियों में सड़क पर लाश मिलने के मामले में सीबीआइ ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है। करीब 20 महीनों की अपनी जांच के बाद सीबीआइ ने अनुराग तिवारी की हत्या किए जाने के उनके परिजनों के आरोपों को दरकिनार करते हुए कहा कि अनुराग ने न तो आत्महत्या की थी और न ही उनकी हत्या हुई, बल्कि उनकी मौत एक हादसा थी।
सीबीआइ ने इसी आधार पर बुधवार को सीबीआइ की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सपना त्रिपाठी की अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करते हुए तर्क दिया है कि अनुराग तिवारी की मौत अचानक गिरने से हुई थी, इसकी पुष्टि एम्स, दिल्ली के डॉक्टरों की टीम ने की है। इस मामले की अगली सुनवाई सात मार्च 2019 को होगी।
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2007 बैच के आइएएस अफसर अनुराग तिवारी के भाई मयंक तिवारी व अन्य परिजनों के आरोप को निराधार बताते हुए मामले की विवेचना करने वाले सीबीआइ इंस्पेक्टर पूरन कुमार ने अपनी विवेचना में कहा कि आरोपों की पुष्टि नहीं हो सकी है। अनुराग तिवारी के भाई मयंक तिवारी ने उनकी मौत के पांच दिन बाद रिपोर्ट क्यों दर्ज कराई इसके बारे में ठीक से स्पष्टीकरण नहीं दिया।
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वहीं आरोपों को निराधार बताने वाली क्लोजर रिपोर्ट में एम्स के डॉक्टरों की टीम की राय एवं रिपोर्ट को मुख्य आधार बनाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार विवेचना के दौरान पिछले साल पांच एवं छह मार्च को एम्स के डाक्टरों की टीम ने लखनऊ आकर घटनास्थल का निरीक्षण भी किया था, जिसमें उनके द्वारा अनुराग तिवारी की मौत गिरने से होने की बात कही गयी थी।
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क्लोजर रिपोर्ट में सीबीआइ की ओर से ये भी दावा किया गया है कि लाश मिलने वाली सुबह से पहले वाली रात स्टेट गेस्ट हाउस के किसी स्टाफ को कुछ भी अस्वाभाविक नहीं मिला। साथ ही विवेचक का कहना है कि उनके द्वारा हर दृष्टिकोण से जांच की गई।
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रिपोर्ट के अनुसार सीबीआइ ने अपनी 20 महीनों की छानबीन में लखनऊ से लेकर कर्नाटक तक तीन सौ लोगों से पूछताछ की, लेकिन कोई भी ऐसा सुराग नहीं मिल सका जिससे इस घटना को हत्या या आत्महत्या करार दिया जा सके।
भाई ने जताई आपत्ति, कहा करेंगे विरोध
दूसरी ओर सीबीआइ के अनुराग तिवारी की मौत को हादसा बताने वाली क्लोजर रिपोर्ट लगाने पर अनुराग के भाई मंयक तिवारी ने आपत्ति जताई है। उनके अनुसार सीबीआइ कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं की अनदेखी की है। इसलिए परिजन रिपोर्ट का हर स्तर पर विरोध कर न्याय की मांग करेंगे।
सीबीआइ के नए निदेशक से जताई थी भाई ने उम्मीद
बताते चलें कि बीते दो फरवरी को ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआइ का नया डायरेक्टर बनाए जाने के बाद अनुराग तिवारी के भाई आलोक तिवारी ने जांच में तेजी आने की मीडिया से उम्मीद जताई थी। साथ ही उन्होंने जांच के नाम पर करीब 20 महीने बीत जाने के बाद भी निष्कर्ष नहीं निकलने पर नाराजगी जाहिर की थी कि आज तक सीबीआइ यही नहीं पता लगा सकी है कि अनुराग तिवारी की हत्या कैसे हुई। इसके अलावा अलोक ने ये भी बताया था कि उनके पिता बीएन तिवारी ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कर्नाटक सरकार, राज्यपाल और सीजेआइ को पत्र लिखकर इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
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संक्षिप्त में जानें क्या था मामला-
बताया जाता है कि मूल रूप से बहराइच निवासी बेहद ईमानदार छवि के आइएएस अफसर अनुराग तिवारी 14 मई 2017 को अपने घर से निकले थे और उसके बाद से अपने दोस्त व एलडीए उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह के साथ मीराबाई मार्ग स्थित राज्य अतिथि गृह के कमरा नंबर 19 में ठहरे थे।
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16 मई की रात दोनों अफसरों ने आर्यन रेस्टूरेंट में खाना खाया और फिर लौटकर गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 19 में सोने चले गए। अगले दिन (17 मई को) अनुराग का बर्थ-डे था, लेकिन ठीक उसी सुबह करीब छह बजे गेस्ट हाउस से करीब 50 मीटर की दूरी पर उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में सड़क पर लाश पड़ी हुई मिली थी।
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आइएएस अधिकारी की लाश इस तरह से मिलने की जानकारी पर हड़कंप मच गया था। उनकी ठुड्डी के निचले हिस्से व होठ के अंदर के हिस्से के अलावा अन्य जगाहों पर मामूली रूप से चोट के निशान थे। शाम को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई, लेकिन उसमें भी मौत की वजह साफ नहीं हो सकी। जिसके बाद उसी दिन शाम को अनुराग के परिजनों ने तमाम सवाल उठाते हुए उनकी हत्या किए जाने का आरोप लगाकर जांच की मांग की थी।
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घटना के अगले दिन तत्कालीन एसएसपी ने जांच के लिए एसआइटी गठित कर दी, हालांकि एसआइटी की ढुलमुल जांच देख परिजनों ने उसपर असंतोष जताते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर सीबीआइ जांच करवाने की मांग की।
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22 मई को योगी से मुलाकात के बाद भाई मयंक तिवारी ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा हजरतगंज कोतवाली में दर्ज कराया। दूसरी ओर 16 जून 2017 को सीबीआइ ने केस दर्ज करने के साथ ही 17 जून को हजरतगंज कोतवाली पहुंचकर केस को पुलिस से पूरी तरह से टेकओवर किया था। करीब 20 महीने की अपनी जांच के बाद आज सीबीआइ ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है।