आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक में ममता बनर्जी द्वारा सरकार पर भेदभाव के आरोप का बुधवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समर्थन किया है। साथ ही भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार के कदमों के बारे में राज्यों को सूचित करने से पहले इनकी सूचना लीक करना और मीडिया को बताना प्रदेश सरकारों के अधिकारों को कमजोर करने के समान है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने भी प्रवासी श्रमिकों को लेकर ट्रेन भेजने से पहले राज्यों के साथ समन्यवय नहीं करने और सूचित नहीं करने को लेकर चिंता जताई थी। बघेल ने कहा, ‘‘केंद्रीय टीम के दौरे समेत कई अन्य चीजों में अगर केंद्रीय मंत्रियों की तरफ से बयान दिए जाएंगे और अखबारों को सूचनाएं लीक की जाएंगी तो राज्यों का नाराज होना उचित है।’’
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गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार संकट के इस समय राजनीति कर रही है। पलानीस्वामी ने 31 मई से पहले रेल एवं विमानन सेवाओं की बहाली का विरोध किया था।
बघेल ने कहा कि कोई कदम उठाने से पहले राज्यों को विश्वास में लिया जाना चाहिए और अगर केंद्र ने समय पर प्रदेशों के साथ विचार-विमर्श किया होता तो कई मुश्किलों को टाला जा सकता था। उनके मुताबिक अगर केंद्र सरकार ने 24 मार्च से पहले प्रवासी कामगारों के लिए रेल सेवा की बहाली का निर्णय लिया होता तो श्रमिकों की परेशानी को कम किया जा सकता था।
इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ में कामगारों के लौटने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इनमें कुछ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि गांवों में 16,000 से अधिक पृथक-वास केंद्र बनाए गए हैं और इन प्रवासी कामगारों को 14 दिनों के लिए वहां रखा जाएगा।