आरयू वेब टीम। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में बुधवार को कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इन महत्वपूर्ण फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कैबिनेट ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में ऐतिहासिक संशोधन को मंजूरी दी है। इस बदलाव से सरकार नेशन वन मार्केट की दिशा में आगे बढ़ी है। किसान एग्रीकल्चर प्रोड्युसर मार्केट कमेटी के बंधन से अब आजाद हो गया है।
प्रेसवार्ता में मीडिया को जानकारी देते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पीएम की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में कृषि से संबंधित तीन और अन्य तीन फैसले लिए गए। जावड़ेकर ने कहा, ”आवश्यक वस्तु कानून में किसान हितैषी सुधार किए गए हैं। आज कृषि उत्पादों की बहुतायत है इसलिए ऐसे बंधनों वाले कानून की जरूरत नहीं थी। एग्रीकल्चर प्रोड्युसर मार्केट कमेटी के बंधन से किसान आजाद हुआ है। कहीं भी और ज्यादा दाम देने वाले को बेचने की आजादी मिली है किसान को। वन नेशन वन मार्केट की दिशा में हम आगे बढ़े हैं।’ कोई निर्यातक प्रोसेसर है, तो उसको कृषि उपज दोनों आपसी समझौते के तहत बेचने की सुविधा मिली है, जिससे सप्लाई चेन खड़ी होगी। भारत में पहली बार ऐसा किया गया है।’
उन्होंने कहा कि किसानों की 50 साल पुरानी मांगे पुरी हुई है। अतिआवश्यक वस्तु कानून में किसान हितैषी सुधार किए गए हैं। यह कानून तब बना था जब देश में किल्लत होती थी। आज कोई किल्लत नहीं है कृषि उत्पादन की। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि पहले शक्कर राशन की दुकानों में सस्ती मिले इसके लिए शक्कर पर लेवी होती थी। अभी भी ऐसे प्रावधान हैं कि कीमतें बढ़ती हैं तो किसानों पर बंधन होती है। आवश्यक वस्तु अधिनियम की लटकती तलवार ने निवेश, निर्यात को रोका। आज इसे खत्म किया गया है। इसका परिणाम होगा कि किसानों अच्छी कीमत मिलेगी। अनाज, तेल, तिलहन, दाल, प्याज, आलू ऐसी वस्तुएं आवश्यक वस्तु अधिनियम से बाहर कर दिया गया है।
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अब किसान तय प्लान के मुताबिक निर्यात, भंडारण कर सकता है। केवल जब बहुत ही विशेष आपदा होगी, प्राकृतिक आपदा या अत्यधिक महंगाई हो गई या कोई युद्ध हो गया, ऐसे किसी बड़े कारण में ही ये बंधन लग सकते हैं। किसान 50 सालों से इसकी मांग कर रहे थे। जावड़ेकर ने बताया कि सरकार ने सभी मंत्रालय और विभागों में एंपावर्ड ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज और प्रॉजेक्ट डिवेलपमेंट सेल बनाने का फैसला लिया है। इससे देश में निवेश बढ़ेगा।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी ट्रस्ट के नाम से जाना जाएगा कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट
वहीं जावड़ेकर ने बताया कि बैठक में कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम बदलने का निर्णय भी लिया गया। अब इस ट्रस्ट का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी ट्रस्ट होगा। श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारतीय राजनीतिज्ञ, वकील और शिक्षाविद् थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में वह उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री बनाए गए थे।