मुगलों पर आजम खान ने कहा, ताजमहल की जगह यूनिवर्सिटी बनाते तो होती मुल्क की तरक्की

आजम खान
जनसभा को संबोधित करते आजम खान।

आरयू ब्यूरो,लखनऊ। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान ने मुगलों पर अपनी भड़ास निकालते हुए कहा कि एक काम भी ऐसा नहीं किया, जो उनकी याद का होता। ताजमहल, लालकिला और कुतुबमीनार जैसी देशभर में मुगलों द्वारा बनवाई गई ऐतिहासिक इमारतों को लेकर उन्होंने कहा कि उस पैसे से मदरसे, स्कूल और यूनिवर्सिटी बनवाई होतीं, तो देश की तरक्की होती और मुस्लिम भी जलील ओ ख्वार ना हो रहे होते।

उत्तर प्रदेश की रामपुर लोकसभा सीट पर सपा प्रत्याशी आसिम रजा के लिए एक जनसभा को संबोधित करते हुए आजम खान ने ये बातें कहीं। सपा नेता ने कहा, “मुगलों ने ताजमहल बनवाया, जो हमारे किसी काम का नहीं, दिल्ली का लाल किला बनवाया, उससे हमें कोई फैज हासिल नहीं है, आगरा का किला बनवाया, उससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है। कुतुबमीनार खुदकुशी के काम आती है, लिहाजा वो हमारे यहां हराम है, उससे भी हमारा लेना-देना नहीं है।”

आजम मुगलों पर काफी भड़के और कहा कि इन इमारतों की जगह कोई कारखाना या पढ़ाई के लिए स्कूल कॉलेज बनवाए होते, तो ज्यादा बेहतर होता। उन्होंने कहा जितना पैसा इन इमारतों, जिनसे मुगल पहचाने जाते हैं, में लगाया गया, उनसे सौ से दो यूनिवर्सिटीयां बन जातीं।

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इस दौरान, वो काफी भावुक हो गए और मुस्लिम शासकों के शासन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सैकड़ों साल की हुकूमत में भी मुस्लिम जलील ओ ख्वार रहे, उनकी तालीम और तरबियत का कोई इंतेजाम नहीं हो सका। उन्होंने कहा, “तीन साल ऐसे गुजारे हैं, जो 350 सदियों से भी ज्यादा अरसे के कहे जा सकते हैं, लेकिन हमें किसी से कोई गिला नहीं है। हमारे कर्म और काम ही ऐसे थे। एक ऐसे इलाके, कौम, तबके के लोग जो आज भी बहुत दुखी और सताए हुए हैं।

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