आरयू ब्यूरो,लखनऊ/कानपुर। कानपुर में गुरुवार रात आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के तीसरे दिन आइजी रेंज मोहित अग्रवाल तीसरी बार रविवार को फिर कानपुर के बिकरू गांव पहुंचे। वहां उन्होंने एक लाख रुपये के ईनामी विकास दुबे के जमींदोज किलानुमा मकान का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि विकास दुबे ने आतंकवादियों जैसा काम किया है और उसके साथ वही सुलूक किया जाएगा, जो एक आतंकवादी के साथ होता है।
ऑपरेशन विकास की गतिविधियों के बारें में हुए उन्होंने मीडिया को बताया- राजस्थान, हरियाणा और बिहार में भी पुलिस टीमें बनाकर कांबिंग शुरू हो गई है। इन सभी प्रदेशों के आइजी और डीआइजी सीधे संपर्क में हैं। इस चक्रव्यूह को भेद पाना आसान नहीं होगा। जल्द ही विकास पुलिस के शिकंजे में होगा। यह किसी आतंकी घटना से कम नहीं है। विकास के साथ वही सुलूक होगा जो एक आतंकवादी के साथ होता है।
वहीं जमीदोज हो चुके विकास के मकान से बरामदगी के सवाल पर आइजी ने दोपहर में कहा, पुलिस को सूचना थी कि विकास दुबे ने अपने घर में भारी मात्रा में आधुनिक हथियारों को दीवारों, तयखाने और सुरंग में छिपा रखा है, छानबीन जारी है।
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मुठभेड़ की सूचना के बारे में आइजी ने कहा, चौबेपुर थाने से पुलिस कार्रवाई लीक हुई है, इसके पुख्ता सबूत मिल चुके हैं। पूरे थाने के पुलिसकर्मी की जांच हो रही। मोबाइल कॉल डिटेल जुटाई जा रही, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ पुलिस हत्याकांड का षड्यंत्र रचने का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
साथ ही पुलिस को जानकारी मिली थी कि पुलिस के लूटे हुए असलहे भागते समय मकान के नीचे बने बंकर में दबाकर गए है। उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से कुछ लोग ब्लैक मनी को दीवारों में चुनवा कर रखते है उसी तरह से यह अपराधी असलहों और कारतूसों को दीवारों में चुनवाकर रखते है। इसी सूचना पर पुलिस ने जमीनों को खोदने और दीवारों को तोड़ने का काम किया था। इसी क्रम में पुलिस को भारी मात्रा में हथियार और बारूद बरामद हुए है।
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मीडिया से बात करते हुए आइजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि विकास दुबे के मामा को मारा गया है उसके पास नाइम एमएम की पिस्टल भी बरामद हुई है। एक अपराधी मुठभेड़ में घायल हुआ है और यह अपराधी विकास दुबे के घर में ही रहता था पिछले 25 वर्षो से। इस पर भी 25 हजार रुपए का इनाम था। इससे पूछताछ करेंगें कि यह घटना किस प्रकार से घटित हुई और इस घटना में और कौन-कौन से अपराधी शामिल थे। जो अपराधी फरार है उनको पकड़ने के लिए हमारी टीमें लगी हुई है। एसटीएफ भी लगी है मुझे उम्मीद है कि अतिशीघ्र अच्छे परिणाम मिलेंगें।
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वहीं विकास दूबे के जमीदोज हो चुके मकान से अवैध असलहे का जखीरा व गोला-बारुद बरामद होने की जानकरी आज शाम एसपी कानपुर ग्रामीण बीके श्रीवास्तव ने पत्रकारों को दी। एसपी के अनुसार विकास दुबे के घर से छह तमंचे, 25 कारतूस, करीब दो किलो विस्फोटक, बम बनाने में काम आने वाली कील व रिपीट्स भारी मात्रा में, 15 जिंदा बम बरामद हुए हैं। साथ ही छानबीन में सामने आया है कि विकास दूबे अपने साथ रहने वालों के नाम से लाइसेंस जारी करवाता था, लेकिन असलहों का प्रयोग वह खुद ही करता था। आज मुठभेड़ के बाद पकड़े गए विकास दूबे गैंग के सदस्य दया शंकर अगिनहोत्री के नाम से भी असलहे का लाइसेंस है।
पुलिस पहले कार्रवाई करती है तो यह परिणाम न होता: एडीजी
इसके अलावा रविवार दोपहर बाद एडीजी जेएन जेएन सिंह भी बिकरू गांव पहुंचे और अबतक की कार्रवाई के बाबत जानकारी दी। इसके बाद कानपुर देहात एसपी अनुराग वत्स के साथ शिवली थाने जाकर विकास दुबे और उसके 21 साथियों के खिलाफ दर्ज मुकदमों की जानकारी ली। उन्होंने कहा- पुलिस पहले कार्रवाई करती है तो यह परिणाम न होता। नेपाल बॉर्डर के आसपास मोस्ट वांटेड के पोस्टर चस्पा किए गए हैं, साथ ही मध्य प्रदेश और राजस्थान के अधिकारियों से लगातार संपर्क किया जा रहा है। विकास की तलाश में 40 टीमें दिन रात काम कर रही हैं।