कांग्रेस का हमला, महिलाओं के साथ रेप व हत्‍या रोकने में योगी सरकार पूरी तरह फेल, मुख्‍यमंत्री बनें पर्यटक

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डॉ. उमा शंकर पांडेय। (प्रदेश प्रवक्ता , कांग्रेस)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। महिलाओं के साथ हो रहे अपराध के मामलों को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस ने योगी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने आज दावा किया है कि महिलाओं के साथ लगातार रेप व हत्‍या जैसी घटनाएं हो रहीं हैं, लेकिन योगी सरकार इसे रोकने में पूरी तरह से विफल है।

आज अपने एक बयान में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्‍ता डॉ. उमाशंकर पांडेय ने यह भी कहा है कि उत्‍तर प्रदेश में जंगलराज हावी हो चुका है, यहां बच्‍ची से लेकर बुजुर्ग महिलाएं तक हैवानों का शिकार बन रहीं हैं, लेकिन इन सबके बावजूद यूपी संभालने की जगह मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ राजनितिक पर्यटक की भूमिका निभाते हुए जगह-जगह चुनाव प्रचार में ही व्‍यस्‍त हैं।

हमला जारी रखते हुए प्रदेश प्रवक्‍ता ने कहा कि तमाम सुर्खियों में आयी महिला अत्याचारों की वीभत्स घटनाओं से साबित हुआ है कि योगी सरकार और उनका प्रशासनिक अमला आरोपितों के संरक्षण में खड़ा दिखाई दिया है। उन्नाव से लेकर हाथरस, शाहजहांपुर की घटनाएं इसके उदाहरण हैं। योगी सरकार की कानून-व्यवस्था की स्थिति यह है कि उनके अपने गृह जनपद गोरखपुर में उनकी मौजूदगी के दिन ही एक नाबालिग बालिका डांसर का खुलेआम कार्यक्रम स्थल से अपराधियों द्वारा अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म की जघन्य घटना को अंजाम दिया गया। जबकि पुलिस हाथ-हाथ धरे बैठी रही।

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यही वजह है कि यूपी महिलाओं के लिए सर्वाधिक असुरक्षित प्रदेश बन चुका है। महिलाएं घरों से बाहर निकलने में स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। अभिभावक बच्चियों को घर से बाहर भेजने में डर रहे हैं। गोरखपुर में नाबालिग बालिका जो कि अपनी शिक्षा एवं परिवार के भरण पोषण के लिए आर्केस्ट्रा में काम करती थी उसके साथ मानसिक अपराधियों द्वारा अपहरण एवं सामूहिक दुष्कर्म की वारदात मुख्यमंत्री के लिए प्रदेश की कानून व्यवस्था का आईना है। दुष्कर्म के बाद लड़की  थाने पर घटना की रिपोर्ट दर्ज करवाने जाती है, लेकिन थानाध्‍यक्ष ने मुकदमा नहीं दर्ज किया।

सोशल मीडिया पर घटना वायरल होने के बाद पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा 

कांग्रेस प्रवक्‍ता ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि योगी सरकार की पुलिस द्वारा बलात्कार जैसे गंभीर मामलों में एफआइआर दर्ज न करने व पीड़िता को धमकाने, समझौता कराने, पीड़िता के विरूद्ध बयान देने जैसी घृणित बातें तमाम मामलों में साबित होती रही हैं। इस घटना में भी यही हुआ। रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए पीड़ित परिवार को भटकना पड़ा। सोशल मीडिया पर घटना वायरल होने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। इसी तरह उन्नाव में किशोरी के अपहरण व बलात्कार, पीलीभीत में स्कूली छात्रा के साथ हैवानियत, बुलंदशहर एवं फिरोजाबाद में बलात्कार, संभल में बलात्कार की शिकार बालिका के साथ पुलिस के दबाव में समझौते की विवशता के बाद पीड़िता द्वारा आत्महत्या करना यूपी में महिला अत्याचारों की पराकाष्ठा के कुछ उदाहरण हैं।

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